मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को हरिद्वार के गैंडीखाता क्षेत्र स्थित बसोचन्दपुर में श्री कृष्णायन देसी गोरक्षाशाला में आयोजित गोपाष्टमी महोत्सव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृष्णायन गौशाला को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कराया जाएगा और तटबन्ध भी बनाया जाएगा। इसके अलावा गौशाला के लिए जो जमीन देनी शेष है वह भी जल्द आवंटित कर दी जाएगी।
प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी की बधाई
सीएम ने प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति की पहचान है। उन्होंने गोपाष्टमी के अवसर पर गौमाता की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय से मिलने वाली हर चीज हमारे लिए उपयोगी है। गाय का दूध स्वास्थ्य व पाचन के लिए सर्वोत्तम है। मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि कुछ लोग जब तक गाय दूध देती है, तब तक तो उसका भरण पोषण करते हैं, लेकिन जब वह दूध देना बंद कर देती है तो उसको निःसहाय छोड़ देते हैं, जिसके कारण वह इधर-उधर भटकते हुए प्लास्टिक, कचरा आदि खा लेती है। इसका उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी इसकी वजह से गाय की मौत तक भी हो जाती है। राज्य सरकार प्रदेश के हर शहर में गौशालाएं बनाने का काम तेज गति से करेगी। इस दौरान सीएम धामी ने गौशाला का अवलोकन किया और गौमाताओं की पूजा-अर्चना की और उन्हें गुड़ खिलाकर आशीर्वाद लिया।
पहली रोटी गाय के लिए निकालने की पराम्परा को बढ़ाएं
गोपाष्टमी महोत्सव के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के लिए गौशाला निर्माण की घोषणा की थी। उन्हांने लोगों का आह्वान किया कि वे पहली रोटी गाय के लिए निकालने की पराम्परा को आगे बढ़ाएं। वहीं, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि आज पूरे देश में गोपाष्टमी मनाई जा रही है। एक गाय, कई लोगों का भरण-पोषण करती है। गाय आर्थिक का भी आधार है। उन्होंने 11 लाख रुपये श्रीकृष्णायन देसी गौरक्षा शाला को देने की घोषणा की। गोपाष्टमी महोत्सव पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द जी ने कहा कि गोपाष्टमी का पर्व आज 177 देशों में मनाया जा रहा है। कृष्णायन गौशाला विश्व की एक मात्र देसी गौशाला हरिद्वार में है। उन्होंने कहा कि गौ, गीता, गंगा और साधु-सन्तों से भारत की पहचान है। इस गौशाला में तीन हजार गायें हैं। सभी गौशालाओं में कुल 15 हजार गायें हैं। गौशाला में नन्दीशाला भी बना रखी है।
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