ग्राफिक चित्र में जो हाथ दिखाया गया था वह खामनेई के हाथ जैसा दिखता है और उस हाथ को अखबार में छपे रेखाचित्र में ईरान की गरीबी रेखा बनाते हुए दिखाया गया था
ईरान के कानून विभाग ने देश के एक बड़े अखबार को इसलिए बंद कर दिया क्योंकि उसने अपने पहले पृष्ठ पर देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के हाथ से मेल खाता एक रेखाचित्र छापा था। बस, इसी बात पर अखबार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उस ग्राफिक चित्र में जो हाथ दिखाया गया था वह खामनेई के हाथ जैसा दिखता है और उस हाथ को अखबार में छपे रेखाचित्र में ईरान की गरीबी रेखा बनाते हुए दिखाया गया था।उल्लेखनीय है कि इन दिनों ईरान की अर्थव्यवस्था डावांडोल हालत में है, जिसके विरुद्ध आम जनता का गुस्सा बढ़ता दिख रहा है।
'केलिद' ने पहले पृष्ठ पर जो आलेख छापा था, उसका शीर्षक था 'गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीते लाखों ईरानी'। इस शीर्षक के नीचे एक व्यंग्यचित्र बना था जिसमें एक आदमी बाएं हाथ में पकड़ी कलम से लाल रंग की लाइन खींच रहा है, उसके नीचे दिख रही है आम जनता।
सरकारी पक्ष की समाचार एजेंसी 'मेहर' का कहना है कि ईरान में मीडिया पर नजर रखने वाली संस्था ने दैनिक 'केलिद' को प्रतिबंधित कर दिया है। उसने भी वजह बताते हुए कहा है कि गत 6 नवंबर के अंक में 'केलिद' ने पहले पृष्ठ पर जो आलेख छापा था, उसका शीर्षक था 'गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीते लाखों ईरानी'। इस शीर्षक के नीचे एक रेखाचित्र बना था जिसमें दिख रहा बायां हाथ कलम से लाल रंग की लाइन खींच रहा है, उसके नीचे दिख रही है आम जनता। यह रेखाचित्र खामनेई के उस पुराने चित्र से बहुत हद तक मेल खाता है, जिसमें वह अपने बाएं हाथ से एक कागज पर कुछ लिख रहे हैं, उनकी एक उंगली में अंगूठी है जिसे वह आमतौर पर पहने दिखते हैं।
दरअसल 1981 में हुई बमबारी की एक घटना के बाद से खामनेई का दांया हाथ काम नहीं करता है। सरकारी समाचार एजेंसी 'इरना' का कहना है कि 'केलिद' को बंद करने की वजह साफ नहीं बताई गई है। हालांकि 'केलिद' ने भी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। यहां बता दें कि इस अखबार की वेबसाइट भी रोक दी गई है।
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