वसीम रिजवी का हौसला उसी तरह बना हुआ है। बीते कुछ माह में उन्होंने मोहम्मद साहब के जीवन पर एक किताब लिख दिया। इस किताब का विमोचन उन्होंने गाज़ियाबाद के डासना स्थित महाकाली मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से कराया। वसीम रिजवी के अनुसार, ‘इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार इस्लाम में कैसे शामिल हो गया ?’ उनकी किताब इसी समस्या पर विचार करती है।
वसीम रिजवी का दावा है कि उनकी यह किताब ‘कन्वर्जन’ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस किताब को पढ़कर लोगों को आसानी से समझ में आ सकेगा कि इस्लाम की विचारधारा क्या है ? इस्लाम का उद्देश्य क्या है? इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इस किताब को लेकर सभी से सजग रहने को कहा है। उन्होंने कहा है कि किसी ख़ास उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस तरह का प्रयास किया जा रहा है। मुसलमान किसी भी षड़यंत्र का हिसा न बनें। किसी को अगर विज्ञान की किताब पढ़ना होगा तो वो किसी वैज्ञानिक की लिखी हुई किताब को पढ़ेगा। जिस व्यक्ति को कोई ज्ञान नहीं है अगर वह किसी किताब को लिखता है तो उसे नजरअंदाज करने की जरूरत है।
मौलाना सैफ अब्बास ने मांग की है कि इस किताब पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस तरह की किताब से दुनियाभर के मुसलमानों की मजहबी भावनाएं आहत हुई हैं। मजहब के विरुद्ध इस तरह की बात प्रकाशित करना और पैगंबर का विरोध करना, उचित नहीं है।
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