गत कुछ समय से बिहार का बांका जिला मदरसों से हथियारों की बरामदगी और बम विस्फोट के कारण चर्चा में रह रहा है। दो दिन पहले धोरैया थाना क्षेत्र के करहरिया गांव स्थित मदरसे से कट्टे और कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार धोरैया-सनहौला मुख्य मार्ग पर करहरिया गांव में जामिया अरबिया तालीमुल कुरान मदरसा है। इसका संचालन मौलाना फज़ीरुद्दीन करता है। मदरसे से हथियार बरामदगी पर मौलाना का कहना है कि किसी ने उसे फंसाने के लिए ऐसा किया होगा। फजीरुद्दीन ने ठीक वैसा ही बयान दिया है, जैसा इस तरह के और मदरसे वाले देते हैं।
दरअसल, मदरसों और मस्जिदों में हथियार छुपाकर रखना, एक साजिश का हिस्सा है। ऐसा पुलिस भी मानती है। इसलिए पुलिस इन पर नजर रखती है और उसी का नतीजा है कि मदरसों से बराबर कुछ न कुछ पकड़ा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले पुलिस को इस मदरसे में हथियार होने की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद धोरैया थानाध्यक्ष महेश्वर राय के नेतृत्व में मदरसे में छापा मारा गया।
जानकारी के अनुसार मदरसे में बिहार एवं झारखंड के विभिन्न स्थानों के कुल 9 बच्चे स्थाई रूप से रहते हैं, जबकि गांव के बच्चे दिन में यहां पढ़ने के लिए आते हैं। मदरसे से हथियार मिलने की घटना के बाद इलाके में अनेक तरह की बातें की जा रही हैं। इससे पहले जून महीने में बांका सदर प्रखंड के अंतर्गत पड़ने वाले नवटोलिया के मदरसे में भीषण विस्फोट हुआ था। वहां भी बम और हथियार रखे गए थे। बम फटने से मदरसा परिसर में स्थित एक मस्जिद ढह गई थी। अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि जहां शिक्षा दी जाती है, वहां हथियारों का क्या का
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