कुछ ही दिन पहले झारखंड लोकसेवा आयोग (जेपीएससी) ने 10वीं सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया है। इसमें कुल 4,293 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं, जो मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे। यह प्रारंभिक परीक्षा राज्य की विभिन्न सेवाओं में 252 पदों में भर्ती के लिए हुई थी। इसी के साथ ही 2017,2018, 2019 और 2020 में हुई परीक्षा के परिणाम भी घोषित हुए हैं। लेकिन जैसे ही परिणाम सामने आए उनमें गड़बड़ी के आरोपों से पूरा झारखंड गूंज उठा। गड़बड़ी यह है कि साहिबगंज और लोहरदगा जिले में बनाए गए दो केंद्रो के एक ही कमरे में परीक्षा देने वाले सभी छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। यही नहीं, लगातार क्रमांक वाले छात्र ही सफल हुए हैं।
किस हद तक धांधली हुई है, उसे निम्न क्रमांकों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं— 52342865, 52342866, 52342867, 52342868, 52342869, 52342870, 52342871, 52342874, 52342876, 52342878, 52342879, 52342880, 52342881, 52342883, 52342884, 52342885, 52342886, 52236876, 52236878, 52236879, 52236880, 52236881, 52236882, 52236884, 52236887, 52236888, 52236889, 52236890, 52236891, 52236892, 52236893, 52236894, 52236895, 52236896, 52236897, 52236898, 52236899, 52236900, 52236901, 52236902।
आम छात्रों का कहना है कि क्या एक ही कमरे में बैठने वाले छात्र बहुत ही तेजस्वी थे! ऐसा हो नहीं सकता है। यानी इसमें गड़बड़ी की गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक ही कमरे में बैठे 20 छात्रों में से 18 छात्र सफल हुए, जबकि उनमें से 2 छात्र परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। वहीं दूसरे केंद्र के एक ही कमरे के 16 छात्र सफल हुए हैं। जेपीएससी के छात्रों का आरोप है कि सफल हुए छात्रों में से कुछ ऐसे हैं, जो बड़े राजनीतिक परिवारों से संबंध रखते हैं। इसलिए रांची में इन दिनों यह बात आम है कि झारखंड लोकसेवा आयोग सत्तारूढ़ नेताओं के इशारे पर काम कर रहा है और नेताओं के बच्चों को नौकरी देने के लिए फर्जी परीक्षा परिणाम बना रहा है। आंदोलन कर रहे कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय साहिबगंज, लोहरदगा में मनोहरलाल इंटर कॉलेज और लातेहार के एक केंद्र में लगातार क्रमांक वाले छात्र पास हुए हैं। इनमें से कई छात्र मुख्यमंत्री के गृह जिले के हैं। वहीं कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके केंद्र पर परीक्षा ने देने वाले कई छात्र भी पास हुए हैं।
जब जेपीएससी की खंगाल की जाती है, तो इस आरोप में दम भी लगता है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों जेपीएससी के अध्यक्ष हैं अमिताभ चौधरी। ये वही चौधरी हैं, जिन पर झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर रहते हुए 196.23 करोड़ रु के गबन का आरोप लगा था। यह भी आरोप है कि जेपीएससी के तीन सदस्य तो सत्तारूढ़ नेताओं के रिश्तेदार हैं। ये सदस्य हैं— अजीता भट्टाचार्य, प्रो अनीता हांसदा और डॉ जमाल अहमद। चर्चा है कि अजीता भट्टाचार्य झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की पत्नी हैं। सूत्रों से यह भी पता चला कि प्रो अनीता हांसदा झामुमो के ही एक बड़े नेता की रिश्तेदार हैं। डॉ जमाल अहमद के बारे में कहा जा रहा है कि वे कांग्रेसी नेता आलमगीर आलम के रिश्तेदार हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सहदेव महतो का कहना है कि जेपीएसी ने जो परिणाम घोषित किया है, वही चीख—चीख कर कह रहा है कि गड़बड़ी हुई है। इसलिए इसे रद्द करके दूसरा परिणाम बनाना चाहिए। आम छात्रों का अधिकार का मारा जाएगा तो राज्य सरकार पर लोग सवाल उठाएंगे ही। इसलिए इस मामले में सरकार को पूरी पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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