केदारनाथ में आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं यहां जब भी आता हूं, यहां के पर्वत यहां की हवा से जुड़ जाता हूं, इन्होंने ही मुझे पाला है। यहां आकर कण-कण में जुड़ जाता हूं। उन्होंने भगवान केदार का रुद्राभिषेक करने के बाद आदि शंकराचार्य की समाधि और उनकी प्रतिमा का अनावरण कर उनके समक्ष प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पांचवीं केदारनाथ यात्रा में श्री मोदी ने कहा कि आज गोवर्धन पूजन के दिन आदि शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का काम पूरा हुआ और उनकी प्रतिमा के समक्ष बैठकर उनकी आंखों से दिव्य प्रकाश झलकने की अनुभूति हुई। भारत के आध्यात्मिक, धर्म की चेतना को स्थापित करने वाले आदि शंकराचार्य ने देश को ज्ञान दिया और अर्थतंत्र दिया। चार मठ, चार धाम, बारह ज्योतिर्लिंगों और अनेकों शिवालयों को स्थापित करने वाले शंकराचार्य में भगवान शंकर का ही स्वरूप था। अल्प आयु में सन्यास लेकर केरल से हिमालय में केदारनाथ आकर अपना शरीर त्यागने वाले शंकराचार्य ने भारतीय दर्शन, मानव कल्याण के लिए एक व्यापक कार्य किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने उपनिषद परंपराओं के ज्ञान पर आधारित भारतीयता की पहचान स्थापित की। पीढ़ी दर पीढ़ी मार्ग प्रशस्त करते हुए मठ, धाम, ज्योतिर्लिंगों के विद्वान संत-ऋषि हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने संबोधन के शुरू में देश के चारों मठों, ज्योतिर्लिंगों और अन्य तीर्थस्थलों में इस कार्यक्रम से जुड़े ऋषि-संतों को प्रणाम करते हुए उनका आदर किया और उनसे आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि केदारनाथ में ही नहीं, भारत में सभी तीर्थस्थलों में भारत का गौरव स्थापित हो रहा है। अयोध्या को सदियों बाद उसका गौरव मिल रहा है, भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है। बनारस में काशी विश्वनाथ धाम का विकास हो रहा है, भगवाम राम से जुड़े तीर्थ सेक्टर का निर्माण हो रहा है। मथुरा, वृंदावन, बौद्ध गया कुशीनगर का विकास हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लोग मेरी बात को लिखकर रख लें कि जितने तीर्थयात्री पिछले सौ साल में नहीं आये, उससे कहीं ज्यादा अगले दस साल में आने वाले हैं। गरुड़चट्टी से उनका पुराना नाता है, केदारनाथ में जब आपदा आयी तो उनका मन यही कहता था कि मैं यहां के लिए कुछ करूं। बाबा केदार का आदेश हुआ होगा, उनकी कृपा हुई, मुझे ये सेवा का अवसर मिल गया। चारधाम से हाइवे जुड़ रहे हैं, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल आ रही है। केदारनाथ तक मोनो कार पहुंचे, हेमकुंड तक रोपवे पहुंचे, बदरीनाथ का और सुविधाजनक विकास हो, इसके लिए मैं और राज्य सरकार बराबर काम कर रहे हैं। दिल्ली-देहरादून हाइवे पर काम हो रहा है। यहां माताएं-बहनें होम स्टे के काम में लग रही हैं। मैं वायदा करता हूं कि यहां की जवानी यहां का पानी यहीं इसी राज्य के काम आएगा। ये बाबा केदार का आशीर्वाद है जो उत्तराखंड के लोगों के साथ, हमारे साथ हमेशा रहेगा, इसी को साक्षी मान कर मैं कह रहा हूं कि उत्तराखंड के विकास के लिए हम आगे बढ़ेंगे।
श्री मोदी ने तीर्थ पुरोहितों, ऋषि-संतों को संबोधित करते हुए कहा कि गुलामी के लंबे दौर में भी देश को आस्था के साथ एक सूत्र में बांधने का काम आपने किया। हम आपका आदर-सम्मान करते हैं। ये आजादी के अमृत महोत्सव का समय है, हमें अपने परिवारो के साथ इन तीर्थस्थलों की यात्रा कर वो ज्ञान अर्जित करना चाहिए कि कैसे इन ऋषियों, मुनियों, संतो ने राष्ट्र की सेवा की। ये कोई छोटी सेवा नहीं थी। कल मैं सीमाओं पर देश की रक्षा में लगे सैनिकों के साथ था। आज उनकी उत्तराखंड की धरती में हूं, यहां घर-घर मे शौर्य पराक्रम की गाथा लिखी हुई है। पहली बार सैनिकों की ताकत बढ़ाने के लिए उनकी जरूरतों को उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार काम कर रही है। दशकों से चली आ रही वन रैंक वन पेंशन की मांग को हमारी सरकार ने सैनिक परिवार को जरूरत समझते हुए पूरा किया।
पीएम मोदी ने राज्य सरकार के वैक्सीन अभियान की तारीफ भी की।- उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री इस राज्य को नई ऊंचाइयों में ले जाएंगे। श्री मोदी के केदारनाथ कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के सदस्यों के साथ-साथ साधु-संत भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री सुबह ही केदारनाथ पहुंच गए, गोवर्धन पूजन दिवस के दिन उन्होंने विधि-विधान से भगवान केदारनाथ का रुद्राभिषेक किया और देश की उन्नति के लिए कामना कर आशीर्वाद लिया।
पीएम मोदी ने आदि शंकराचार्य समाधि स्थल के लोकार्पण के अलावा, सरस्वती तट घाट, मंदाकिनी पुल, केदारपुरी सुरक्षा दीवार, तीर्थ पुरोहित आवास आदि योजनाओं का भी लोकार्पण किया। यात्री सुविधाओं को बढ़ाने सम्बन्धी अन्य योजनाओं का शिलान्यास भी किया
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