काबुल में 2 अक्तूबर को एक अस्पताल के पास दो बम विस्फोटों ने न सिर्फ करीब 25 लोगों की जान ले ली बल्कि तालिबान का एक शीर्ष कमांडर माना जाने वाला मौलवी हमदुल्लाह मुखलिस भी हलाक हो गया। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक किसी भी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में यह हमला फौजी अस्पताल पर किया गया था। यहां एक के बाद एक दो बम विस्फोट किए गए। साथ ही अज्ञात बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। फौजी अस्पताल पर हुए इस हमले से तालिबान के लड़ाके सन्न रह गए हैं, इसे तालिबानी सत्ता को एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
काबुल से मिले समाचार से फिलहाल इस विस्फोट और गोलीबारी में, मौलवी हमदुल्लाह मुखलिस के साथ ही कम से कम 25 लोगों के मारे जाने का पता चला है। हमले में दर्जनों लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। एक खबर यह भी है कि हमला करने वाले अज्ञात बंदूकधारियों को बाद में तालिबानी लड़ाकों ने मार गिराया है। बताते हैं, हमले में मारा गया मौलवी हमदुल्लाह मुखलिस नाम का क्रूर तालिबानी काबुल सैन्य कोर का प्रमुख था।
ये बम विस्फोट सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल के दरवाजे पर किए गए थे। 400 बिस्तर वाला यह अस्पताल फौजी अस्पताल बताया जाता है। मुजाहिद के अनुसार, हमले के बाद तालिबान की स्पेशल फोर्स कमांडो टीम ने हेलीकॉप्टर से अस्पताल परिसर में उतरकर हमलावरों को अस्पताल के अंदर आने से रोक दिया। मुठभेड़ में सभी हमलावरों को मुख्य द्वार के पास ही गोली से उड़ा दिया गया।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने हमले की जानकारी देते हुए बताया है कि ये बम विस्फोट सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल के दरवाजे पर किए गए थे। 400 बिस्तर वाला यह अस्पताल फौजी अस्पताल बताया जाता है। मुजाहिद के अनुसार, हमले के बाद तालिबान की स्पेशल फोर्स कमांडो टीम ने हेलीकॉप्टर से अस्पताल परिसर में उतरकर हमलावरों को अस्पताल के अंदर आने से रोक दिया। मुठभेड़ में सभी हमलावरों को मुख्य द्वार के पास ही गोली से उड़ा दिया गया। शक है कि यह हमला आइएसआइएस-के द्वारा किया गया है। लेकिन अभी तक किसी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इस्लामिक स्टेट खुरासान के आतंकियों ने पिछेल एक महीने के अंदर देश में अनेक घातक हमले किए हैं, इस गुट ने विशेषकर शिया मस्जिदों को निशाना बनाया है। पिछले दिनों कुंदुज और कंधार में शिया मस्जिदों में नमाज के वक्त हुए बम विस्फोटों में बड़ी तादाद में आम लोग मारे गए थे। जानकारों के अनुसार इस आतंकी गुट की अफगानिस्तान में दहशत बढ़ती जा रही है।
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