चारा घोटाले के कारण सजा भुगत रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव का बड़बोलापन उन्हें ही महंगा पड़ गया। पिछले दिनों उन्होंने उप चुनाव के प्रचार के दौरान अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के बारे में कहा, ''जनता ने तेजस्वी को तो मुख्यमंत्री बना दिया है। अब मैं नीतीश कुमार का विसर्जन करने आया हूं।'' लेकिन जनता ने उनके इस भ्रम और घमंड को तोड़ दिया। उनकी पार्टी तारापुर और कुशेश्वरस्थान दोनों जगह से हार गई। जीत मिली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी संप्रग को, जिसमें भाजपा और जदयू शामिल हैं। पिछले चुनाव में इन दोनों स्थानों पर जदयू ने ही जीत दर्ज की थी। यानी उसने इन दोनों सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
राजग के प्रत्याशियों की जीत के बाद लालू परिवार में घमासान मचा है। उनके दोनों बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव में ही ठन गई है। तेजप्रताप ने हार का पूरा ठीकरा छोटे भाई तेजस्वी पर फोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी ने अपने सलाहकारों के कहने पर कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया और उसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। यही नहीं, तेजप्रताप ने यह भी कहा, ''पिता लालू यादव को चुनाव प्रचार में नहीं उतारना चाहिए।'' तेजप्रताप के इस बयान के अनेक अर्थ निकाले जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि तेजप्रताप ने यह मान लिया कि अब लालू की राजनीतिक पकड़ वैसी नहीं रही है, जिसके लिए वे जाने जाते थे। कोई यह भी कह रहा है कि भले ही राजद के नेता लालू के बारे में कुछ भी कहें, लेकिन अदालत ने तो उन्हें चारा घोटाले के लिए जेल की सजा दी है और यही कारण है कि आम आदमी की नजर में भी वे घोटालेबाज ही हैं। उप चुनाव के परिणाम ने भी उनके बारे में जनता की राय को बाहर कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जेल में रहते हुए भी प्रयास करते रहे हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद लालू ने भाजपा और जदयू के नेताओं को तोड़ने का प्रयास किया था। उन्होंने भाजपा के एक विधायक को फोन कर कहा था कि तुम राजद की सरकार बनाने में मदद करो, मनचाहा पद मिलेगा। हालांकि बाद में उस विधायक ने उनसे हुई बातचीत के वीडियो को सार्वजनिक कर दिया था। इस कारण लालू की पोल खुल गई थी। अब लालू जमानत पर हैं। यानी जेल से बाहर हैं और वे एक बार फिर से तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। इसलिए बीमार रहते हुए भी उप चुनाव के लिए प्रचार किया, लेकिन उनके सारे सपने टूट गए।
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