शरण्या राष्ट्र सेविका समिति की ओर से चिकित्सक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। नई दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित धन्वंतरी भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का रहीं। वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मौजूद रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना संकट में डॉक्टर्स, पैरामेडिकल वर्कर्स ने 24 घंटे काम किया। वे शरण्या संस्था के सेवा कार्यों में भी शामिल हुए। संकट की घड़ी में डॉक्टर्स का सहयोग असाधारण रहा है। उन्होंने बिना किसी स्वार्थ व पब्लिसिटी के कार्य किया है। कई डॉक्टर संक्रमित हुए उसके बाद फिर से मरीजों के इलाज में जुट गए। इस दौरान डॉक्टर्स का परिवार भी उनके साथ रहा। उनका प्रोत्साहन बढ़ाते रहे। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा समाज सेवा का उदाहरण है। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस, ब्रिटेन और अमेरिका में फिर से केस बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में हम सभी को कोरोना के प्रति सजग रहना है।
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को भारत की एकता, अखंडता का प्रतीक मानते हुए उन्हें पितामह की उपाधि दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरदार पटेल ने सामाजिक विषमताओं को दूर कर देश में एकता और अखंडता की स्थापना की। आज करोना बीमारी को दूर करने के लिए हमारे पास डॉक्टरों की फौज है, जो लगातार बीमारी का डटकर सामना कर रही है। शांता अक्का ने कहा कि हमारे डॉक्टरों ने निर्मल मन और नि:स्वार्थ भाव से दिन-रात समाज सेवा का कार्य किया है।
इस कार्यक्रम में लगभग 70 चिकित्सकों का सम्मान किया गया। लगभग 120 डॉक्टर्स ने शरण्या संस्था के साथ मिलकर 641 कार्यशालाएं की, जिसमें 16000 बच्चे व महिलाएं लाभान्वित हुई। शरण्या संस्था अगस्त 2016 से कार्यरत है। समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के लिए संस्कार केंद्र, आई कैंप, हेल्थ कैंप, राशन वितरण, काउंसिलिंग, भोजन, राशन वितरण कार्य करता है।
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