देश का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा, जहां मस्जिद से दी जा रही अजान की आवाज न आती हो। ऐसे लाखों हिंदू मुहल्ले हैं जहां मुसलमानों की आबादी बहुत ही कम है। इसके बावजूद वहां मस्जिदें हैं और पांचों वक्त की नमाज पढ़ी जाती है। अजान की तेज आवाज पांचों वक्त गूंजती रहती है। कभी किसी हिंदू ने यह नहीं कहा कि उसे अजान की आवाज से परेशानी हो रही है। लेकिन जहां मुसलमानों की आबादी हिंदुओं से अधिक है, वहां किसी मंदिर में सुबह—शाम होने वाली आरती से भी मुसलमानों को परेशानी हो रही है। इसलिए वे लोग जबरन लाउडस्पीकर बंद करवा देते हैं। यही नहीं, कई जगह तो मंदिर भी बंद करवा देते हैं।
एक ऐसी ही घटना हरियाणा के मेवात जिले में हुई है। यह मुस्लिम—बहुल जिला है। इस जिले का एक प्रखंड है फिरोजपुर झिरका। इसके अंतर्गत अखनाका गांव है। गत दिनों गांव के मंदिर में आरती हो रही थी और यह आरती पहली बार नहीं हो रही थी। मंदिर में आरती बरसों से हो रही है। लेकिन अब गांव के मुसलमानों को आरती से चिढ़ होने लगी है। इसका प्रमुख कारण है गांव से हिंदुओं का पलायन। जिहादियों से तंग आकर ही गांव के ज्यादातर हिंदू पलायन कर चुके हैं। इस कारण गांव में हिंदू लगभग आठ प्रतिशत ही बचे हैं। गांव के हिंदुओं का कहना है कि शेष हिंदू भी गांव से भाग जाएं, इसका षड्यंत्र चल रहा है। आरती तो एक बहाना है। इसलिए पिछले दिनों जब मंदिर में आरती हो रही थी तब गांव का एक मुसलमान युवक वहां पहुंचा और दबंगई के साथ कहा कि आरती बंद करो। हिंदुओं ने पूछा क्यों! इस पर वह युवक कहने लगा कि नमाज के वक्त मंदिर से आवाज बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। उसका यह भी कहना था कि यदि नमाज का वक्त नहीं बदला जाएगा, अपनी आरती का वक्त बदल लो। यदि ऐसा नहीं करोगे तो बहुत बुरा होगा।
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