कहते हैं कि नेतृत्व दूरदर्शी हो तो किसी भी चुनौती को आसानी से हराया जा सकता है। कुछ ऐसी ही दूरदर्शिता ‘एवन साइकिल्स लिमिटेड’ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ओंकार सिंह पाहवा ने दिखाई। 2020 में लॉकडाउन लगते ही कंपनी के श्रमिक पलायन करने लगे तो पाहवा ने सब काम छोड़कर सबसे पहले उनकी चिंता की। उन्हें विश्वास दिलाया कि कहीं जाने की जरूरत नहीं है। यहां किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी और उन्होंने कंपनी बंद होने के बावजूद अपने सारे श्रमिकों को अग्रिम वेतन दे दिया। मई, 2020 तक उन्होंने ऐसा ही किया। इस कारण उनका एक भी श्रमिक लुधियाना से बाहर नहीं गया। इसलिए वे जून के प्रथम सप्ताह में कंपनी में काम चालू करवा सके।
पाहवा कहते हैं, ‘‘यदि श्रमिकों को अग्रिम वेतन नहीं देता तो निश्चित रूप से वे लोग अपने-अपने गांव चले जाते। इसके बाद कंपनी का काम कई महीनों तक बंद हो जाता। तब जो नुकसान होता उसकी भरपाई आसानी से नहीं होती।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ कोरोना काल साइकिल उद्योग के लिए वरदान साबित हुआ। शहरी क्षेत्रों में लोग घर से ही काम कर रहे थे। जिम भी बंद थे। रेल और बसें भी बंद थीं। कहीं भी आने-जाने में लोगों को परेशानी हो रही थी। ऐसे में लोगों को लगा कि साइकिल ही एकमात्र विकल्प है।
इस कारण उन लोगों ने भी साइकिल खरीदी, जो कभी गाड़ी से नीचे पैर नहीं रखते थे। ऐसे ही ग्रामीण इलाकों में भी साइकिल की आशातीत बिक्री हुई। एक रपट के अनुसार 2020 में 44,00,000 से अधिक साइकिलें बिकीं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। ‘एवन साइकिल्स लिमिटेड’ का वार्षिक कारोबार 7,000 करोड़ रु़ से ज्यादा है। कंपनी की निर्माण इकाई लुधियाना में है। यहीं से विश्व के 50 देशों में कंपनी की साइकिलें जाती हैं।
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