राकेश सैन
पंजाब में सबकुछ उल्टा-पुल्टा चल रहा है। विगत माह भारत-पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच में पाकिस्तान की जीत के बाद कश्मीरी विद्यार्थियों ने जश्न मनाया तो उत्तर-प्रदेश और बिहार के विद्यार्थियों ने इसका विरोध किया। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने देशद्रोह के आरोपी कश्मीरियों का विरोध करने वाले विद्यार्थियों को ही कॉलेज से निकाल दिया है। इसे ‘चमगादड़ नीति’ कहा जा रहा है, जैसे उल्टे लटके हुए चमगादड़ को सीधी चीजें उल्टी और चीजें सीधी दिखाई देती हैं, उसी तरह कांग्रेस पार्टी व्यवहार करती दिख रही है।
बठिंडा के बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने बाबा फरीद कॉलेज में लाठियां लेकर घूमने के आरोप में बिहार के 4 छात्रों को छात्रावास खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, छात्रों का आरोप है कि उन्होंने उन कश्मीरी छात्रों का विरोध किया था, जो पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगा रहे थे। परन्तु उल्टा हम पर ही कार्रवाई कर दी गई। कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों के आरोप खारिज किया है। भाजपा ने कॉलेज प्रबंधन की इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई है।
बिहार के विभिन्न शहरों के रहने वाले और कॉलेज से बीएससी (कृषि) सातवें समेस्टर के छात्र कुमार कार्तिकेय ओझा, बीसीए प्रथम सेमेस्टर के आयुष कुमार तिवारी, उज्जवल पांडेय व बीबीए तीसरे सेमेस्टर के आयुष कुमार जायसवाल को नोटिस जारी किया गया है। इन छात्रों के अनुसार, बीती 24 अक्तूबर को भारत और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बीच खेले गए मैच में पाकिस्तान की जीत पर छात्रावास में रहने वाले कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो कश्मीरी छात्रों ने छात्रावास में तोडफ़ोड़ कर उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की। छात्रावास के वार्डन से पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर वार्डन ने उल्टा कॉलेज प्रबंधन से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश कर दी।
इस मामले में भाजपा नेता एडवोकेट सुभाष शर्मा व कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर इस कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने लिखा कि पंजाब सरकार व कॉलेज प्रबंधन ने पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाने वालों पर कार्रवाई करने के बजाय, देश विरोधी गतिविधियों का विरोध करने वालों पर ही कार्रवाई कर दी।
क्या कहना है प्रबंधन का
बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन गुरमीत धालीवाल ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में कुछ युवक लाठियां लेकर घूमते हुए दिखाई दिए। अनुशासन भंग करने वाले इन छात्रों की पहचान करके उन्हें छात्रावास खाली करने के लिए कहा गया है। साथ ही, मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है। पाकिस्तान टीम के समर्थन में नारे लगाने की जो बात कही जा रही है, उससे इसका कोई संबंध नहीं है।
टिप्पणियाँ