कहा जा रहा है कि इन दिनों झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिग्गज नेता और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से लगभग दूर हैं। इसका असर उनकी पार्टी झामुमो के अलावा उनके परिवार पर भी देखा जा सकता है। पार्टी में कई ऐसे नेता हैं, जो हेमंत की कार्यशैली से बहुत नाराज हैं। यही कारण है कि कई बार ऐसी खबरें आती रहती हैं कि झामुमो के ही नेता हेमंत सरकार को गिराने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हेमंत के खिलाफ उनकी भाभी सीता सोरेन ने मोर्चा खोल दिया है।
सीता सोरेन झारखंड के जामा से विधायक हैं। सीता सोरेन झारखंड सरकार के क्रियाकलापों पर कई बार आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं। इसी क्रम में तीन दिन पहले उन्होंने ट्वीट कर झारखंड की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है, ''झारखंड का निर्माण जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए किया गया था मगर अब झारखंड बेईमानों और दलालों के हाथ में जा चुका है।'' उन्होंने कहा कि झारखंड दलालों और बेईमानों के चंगुल में फंस चुका है। उन्होंने झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन से भी कहा कि उनके और स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की मेहनत से खड़ी की गई पार्टी दलालों और बेईमानों के हाथों में चली गई है। अगर यही हालात रहे तो पार्टी कई गुटों में बंट कर बर्बाद जाएगी। सीता सोरेन ने अपनी दोनों बेटियों द्वारा बनाई गई 'दुर्गा सोरेन सेना' का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि झारखंड की ऐसी चीख और पुकार को सुनकर 'दुर्गा सोरेन सेना' का गठन किया गया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही 'दुर्गा सोरेन सेना' का गठन सीता सोरेन की दोनों बेटियों जयश्री और राजश्री ने अपने स्व. पिता दुर्गा सोरेन के नाम पर किया है। इनका कहना यह है कि यह कोई राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संगठन हैख, जो गरीबों और दबे कुचले लोगों की सेवा के लिए बनाया गया है।
सीता सोरेन के बगावती तेवर के पीछे का कारण
गत 28 अक्तूबर को झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय के हस्ताक्षर से मंत्री हफीजुल हसन के कार्यक्रम में हंगामा करने वाले 09 नेताओं को छह वर्ष के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था। कहा जा रहा है कि सीता सोरेन इसी से नाराज हैं। सीता सोरेन के ट्वीट के बाद झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि पार्टी में जो भी फैसला होता है वह केंद्रीय अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष के आदेश से ही होता है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व देखेगा कि किस परिस्थिति में माननीय विधायक जामा ने यह ट्वीट किया है।
इस मामले पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री राज्य के रघुवर दास कहना है कि कि झारखंड सरकार पिछले 2 साल में हर मामले में पूरी तरह से विफल रही है। अपनी विफलता को छुपाने के लिए इस तरह के झूठे षड्यंत्र रच कर झारखंड की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि झामुमो सरकार में सभी विधायकों की आपसी खींचतान शुरू से ही चल रही है। वह चाहे कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे का मामला हो या फिर रामगढ़ की कांग्रेस विधायक ममता देवी और बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद का हो। येे सभी अपनी ही सरकार की गतिविधियों पर सवाल खड़े करते रहे हैं। फिर विधायकों द्वारा कई बार कहा गया है कि प्रशासन इनकी बात नहीं सुनता।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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