जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के चार अधिकारियों और खाद्य आपूर्ति विभाग के तीन कर्मचारियों सहित आठ कर्मचारियों को नौकरी से जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है। इन सभी पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप हैं। खबरों के अनुसार रूसा के मिशन डायरेक्टर रविंद्र कुमार भट पर विभिन्न विभागों में नौकरी के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे। प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और सर्वे और लैंड रिकार्ड के रीजनल डायरेक्टर मोहम्मद कासिम वानी को भी जबरन सेवानिवृत्त किया है। वानी जब इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आइसीडीएस) में जिला प्रोग्राम आफिसर थे तो उन्होंने घटिया सामान अधिक दामों पर खरीदा था। वानी पर भी भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया। सरकार ने वर्ष 2020 में वानी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी।
इन पर भी की गई कार्रवाई
-प्रशासनिक सुधार संस्थान और प्रशिक्षण विभाग के उप निदेशक नूर आलम
-पहले से निलंबित जेकेएएस अधिकारी मोहम्मद मुजीब उर रहमान
-बीरवां के बीएमओ डा. फियाज अहमद बांडे
-पहले से निलंबित खाद्य आपूर्ति विभाग ऊधमपुर में जूनियर असिस्टेंट राकेश कुमार
-चट्ठा में स्टोर में जूनियर असिस्टेंट गुलाम मोहिउद्दीन
-पंचैरी के तत्कालीन स्टोर कीपर पुरुषोत्तम कुमार
पहले भी दिखाई है प्रशासन ने सख्ती
अनुच्छेद 370 हटने के बाद भ्रष्टाचार में शामिल 300 से अधिक कर्मचारी, अधिकारी व अन्य लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इनमें से कई सलाखों के पीछे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष, 2020 में भ्रष्टाचार के मामलों में 256 लोगों की गिरफ्तारी हुई तो वहीं साल, 2021 में भी 100 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा सरकारी विभागों में बैठकर देश विरोधी तत्वों का समर्थन करने वाले कर्मचारियों—अधिकारियों पर भी गाज गिर चुकी है।
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