स्कूल से दूर बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करेगी यूपी सरकार

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WEB DESK
‘आउट ऑफ स्‍कूल’ एवं ‘ड्राप आउट’ बच्चों को दोबारा स्‍कूल के दरवाजे तक लाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है. बेसिक शिक्षा विभाग विशेष प्रशिक्षण देकर ‘आउट ऑफ स्‍कूल’ बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कक्षा में प्रवेश देगा. बच्‍चों को विशेष ट्रेनिंग देने के लिए स्कूलों में नोडल शिक्षक तैनात किए जाएंगे.

 

सरकार ने  प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के लिए इक्कीस करोड़ तीस लाख अड़तीस हजार तीन सौ चालीस रुपए का बजट जारी किया है. विशेष प्रशिक्षण देकर बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 7 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के ऐसे बच्चे जो किन्हीं कारण से शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे हैं. उन्हें स्कूल में दाखिल कराने के लाने के लिए शारदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में दो लाख से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित किया गया है.

जानकारी के अनुसार बच्‍चों के शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन करने के बाद आयु संगत कक्षा के शैक्षणिक स्तर तक लाने के लिये विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.  विशेष प्रशिक्षण के दौरान कक्षा के अन्य बच्चों के साथ शैक्षणिक और भावनात्मक रूप से जुड़ने योग्य बनाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे. नोडल अधिकारी यह भी तय करेंगे कि बच्‍चें रोजाना विद्यालय में उपस्थित हों.

ऐसे बच्‍चों को दाखिले के बाद उच्‍च गुणवत्‍ता की ब्रांडेड शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं. बच्‍चों को पेन्सिल, रबर, शार्पनर, कापी,  कलर आदि विद्यालय प्रबन्ध समिति खरीद कर देगी. बच्‍चों को घटिया सामग्री मिलने पर विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव व सदस्‍य के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जायेगी. बच्‍चों को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग की समीक्षा प्रत्‍येक महीने जिलाधिकारी स्‍तर पर की जाएगी.

 

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