पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को साफ कर दिया कि वे जल्द ही नई पार्टी का गठन करेंगे। इसके लिए वे चुनाव आयोग के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उनका मुकाबला शिरोमणि अकाली दल से है और इसमें कांग्रेस दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही।
कैप्टन ने प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से मुख्यमंत्री के रूप में साढ़े 4 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड साझा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रेस कांफ्रेंस नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने के लिए नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के रिपोर्ट कार्ड को साझा करने के लिए बुलाई गई है। उपलब्धियों की एक पुस्तिका साझा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक राज्य सरकार मार्च 2022 में अपना कार्यकाल पूरा करेगी, तब तक कुछ चीजों को छोडक़र सब कुछ हो चुका होगा।
आयोग से मंजूरी का इंतजार
उन्होंने कहा कि वह चुनाव आयोग से अपनी नई पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न को मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही वे अपनी पार्टी की घोषणा करेंगे। पार्टी बनने के बाद कई कांग्रेसी उनके साथ शामिल होंगे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता उनके संपर्क में है। साथ ही, कहा कि जब से नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में शामिल हुए हैं, पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ 25 प्रतिशत गिर गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन के बारे में बात नहीं की, बल्कि इसके साथ या अन्य पार्टियों के साथ सीटों के बंटवारे की बात की।
कांग्रेस का दावा बेबुनियाद
कैप्टन ने कहा, ‘मैं कांग्रेस के साथ 52 साल से हूं, लेकिन आने वाले दिनों में इसे छोड़ दूंगा।’ किसान आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री से बात कर रहे हैं, किसानों से नहीं। यह केंद्रीय गृह मंत्री ही थे, जो किसान संघों से बात कर रहे थे। मैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मिलने के अलावा इस मुद्दे पर गृह मंत्री से भी मिलूंगा। उन्होंने कांग्रेस के दावों का खंडन किया कि 78 विधायकों ने उन्हें हटाने के लिए हस्ताक्षर किए थे। सच् यह है कि 78 विधायकों ने उनके पक्ष में लिखा था।
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