यूएलएफ ने बयान जारी कर कहा है कि 48 घंटों का समय दिया जाता है कि माफी माँग लें। वरना हम ये फर्क नहीं करेंगे कि कौन क्या है। बाद में इल्जाम मत देना जो कहर तुम पर बरपेगा।
टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ़ पाकिस्तान की जीत के बाद कश्मीर कई जगह हुड़दंग किया गया। इस दौरान SKIMS मेडिकल कॉलेज के कई वीडियो सामने आए जिसमें कट्टरपंथी छात्र भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नजर आ रहे हैं। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए कश्मीर पुलिस ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया। इससे बौखलाए कट्टरपंथी गैर मुस्लिमों, गैर कश्मीरियों को निशाना बनाने के साथ एक छात्रा की फोटो शेयर करके उस पर पुलिस मुखबिर होने का इल्जाम मढ़ते हुए संघ को निशाना बना रहे हैं।
इस मामले में अब्दुल्ला गाजी नाम के ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए गए और मेडिकल छात्रा अनन्या जामवाल को टैग करते हुए दावा किया कि वो पुलिस की मुखबिर है। और SKIMS छात्रों पर हुई FIR और UAPA लगवाने की मुख्य दोषी। ट्वीट में कहा गया कि वह एक बाहरी डोगरा है जो कि इसी कॉलेज से मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई कर रही है।
अब्दुल गाजी ने अनन्या के विरुद्ध कई ट्वीट किए और निर्थक बाते की हैं। इसके अलावा एक और ट्वीट में सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली मोनिका लांघे को भी निशाना बनाया है।
इन्हीं ट्वीट को शेयर करते हुए अनन्या जामवाल ने कहा है, “क्या ये आदमी इन आरोपों को सिद्ध कर सकता है कि ये मुझे क्यों धमकी दे रहा है।” अनन्या ने जम्मू-कश्मीर पुलिस, देश की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी, देश के गृहमंत्री, रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री समेत कुछ लोगों को टैग करते हुए कहा है कि वो डरा हुआ महसूस कर रही हैं। वह पूछती हैं इन लोगों का मकसद क्या है।
डॉ. मोनिका लांघे ने कहा कि तू किसी गलतफहमी है, याद कर ले कश्मीर भारत का हिस्सा है और तुझे याद करवाकर रखेंगे हम। जय भारत। बता दें कि इस मामले में बात सिर्फ आरोप लगाने तक सीमित नहीं है। कट्टरपंथी जमात के दावे के साथ ही यूनाइटिड लिबरेशन फ्रंट जम्मू-कश्मीर सक्रिय हो गया है, जिसे आतंकी संगठन लश्कर का ही एक समूह बताया जाता है और पिछले दिनों जो गैर कश्मीरियों को मारने में आगे था। इस समूह ने 26 अक्टूबर को बयान जारी कर कहा है कि उन्हें खबर मिल गई है कि इन एफआईआर के पीछे किसका हाथ है। गैर स्थानीय कर्मचारी और छात्रों को चेतावनी दी जाती है कि वो ऐसी गतिविधियों में शामिल न हों।
यूएलएफ द्वारा जारी बयान यूएलएफ के बयान के मुताबिक, “हम तत्वों को चेतावनी दे रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि ये कौन हैं। 48 घंटों का समय दिया जाता है कि माफी माँग लें। वरना अंजाम भुगतना होगा…हम इन्हें पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि ये किसी गैर कश्मीरी गतिविधि में शामिल न हों। वरना हम ये फर्क नहीं करेंगे कि कौन क्या है। जिन भी गैर स्थानीय कर्मचारी और छात्रों ने डॉक्टर और छात्रों की थाना सौरा, करण नगर..में शिकायत दी है उन्हें चेतावनी दी जा रही है। हम सब देख रहे हैं। बाद में इल्जाम मत देना जो कहर तुम पर बरपेगा।”
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