केरल की तुशारा नंदुस किचन नामक रेस्तराँ में केवल नॉन-हलाल खाना सर्व करवाती हैं। इलाके के मुसलमानों ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे बन्द करने की धमकी कई बार दी. जब वह नहीं मानीं तो रेस्तरां की दूसरी शाखा खोलने के दौरान मुसलमानों ने उन्हें निशाना बनाया
केरल के एर्नाकुलम जिले में तुशारा अजीत नाम की महिला पर जानलेवा हमला किया गया। गत सोमवार को हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से मारा। महिला ने अस्पताल के बिस्तर से फेसबुक लाइव कर लोगों को इस हमले की जानकारी दी है।
बता दें कि तुशारा पलारीवट्टोम में नंदुस किचन नामक रेस्तराँ में केवल नॉन-हलाल खाना सर्व करवाती हैं। रेस्तराँ के उद्घाटन के दौरान उन्होंने उसके बाहर एक बैनर लगवाया था, जिसमें लिखा था, “नॉन-हलाल, हलाल भक्षणम निषेधम (हलाल भोजन यहाँ प्रतिबंधित है)।” इसके बाद से कई मुसलमानों ने नॉन-हलाल रेस्तराँ को चलाने पर आपत्ति जताई थी।
हमले के बाद तुशारा की बेटी ने अपनी माँ को एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाने का एक वीडियो भी साझा किया है। इसमें आप देख सकते हैं कि उन्हें बदमाशों ने कितनी बेरहमी से पीटा है।
खबरों के अनुसार तुशारा को अपने नॉन-हलाल रेस्तराँ की दूसरी शाखा खोलने के लिए इस्लामवादियों से लगातार धमकियाँ मिल रही थीं। ठीक उसी तरह जैसे उन्हें पहली बार ब्रांच खोलने पर मिल रही थी। कट्टरपंथी नॉन-हलाल बोर्ड लगाने के खिलाफ उन्हें लगातार धमकी दे रहे थे। तुशारा ने अपने फेसबुक लाइव में यह भी कहा कि उनकी रेस्तराँ में नॉन-हलाल खाना परोसने और उसके बाहर इसका पोस्टर लगाने की वजह से उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
हमले की निंदा करते हुए केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने ट्वीट किया, ”श्रीमती तुशारा अजीत पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हलाल होटल के लिए न मानने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के एक समूह ने महिला उद्यमी पर बेरहमी से हमला कर दिया। कक्कानाड में जो हुआ वह तालिबानी कार्य से कम नहीं है। मैं केरल के लोगों से हलाल का बहिष्कार करने की अपील करता हूँ।”
गौरतलब है कि एर्नाकुलम के इस रेस्तराँ को तुशारा ने जनवरी 2021 में शुरू किया था। उन्होंने बताया था कि जब इसे शुरू किया गया था कई मुस्लिमों ने उनके इस विचार का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने सभी की बातें सुनने के बाद भी अपने इस आइडिया पर काम किया। उन्होंने कहा था, “मुस्लिमों ने लगातार कहा कि ये सब ठीक नहीं है। जब भी हिंदू कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, मुस्लिम हस्तक्षेप जरूर करते हैं।”
एर्नाकुलम के इस रेस्तराँ में तमाम ग्राहक बिना किसी आपत्ति के खाना खाने आते हैं। इसके आधार पर महिला कहती हैं, “जिन्हें मेरे नॉन-हलाल कॉन्सेप्ट से आपत्ति नहीं है उनका मैं स्वागत करती हूँ और जिन्हें परेशानी है, उनके पास यहाँ न आने का विकल्प है।”
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