पंजाब में नई पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस खुलकर मैदान में आ गई है। पाकिस्तानी पत्रकार और कैप्टन की महिला मित्र अरुसा आलम के बहाने प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें घेरने की कोशिश की है ताकि उनकी छवि को धूमिल की जा सके। पंजाब के उप-मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि आईएसआई के साथ अरुसा आलम के संबंधों की जांच की जाएगी। लेकिन पुराने फौजी ने जवाब में ऐसी मिसाइल दागी कि पंजाब सरकार तो क्या पूरी कांग्रेस झाग की तरह बैठती दिखाई देने लगी। दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जवाब में सोनिया गांधी के साथ अरुसा की फोटो ट्वीट कर दी। अब पूरे प्रकरण की जड़ माने जाने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा को दिल्ली दरबार में तलब किया गया है।
पंजाब के राजनीतिक परिदृश्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से अलग होने और अपनी पार्टी बनाकर भाजपा से गठजोड़ की बात कहने के बाद पंजाब के कांग्रेस नेता उनके खिलाफ हमलावर हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने जब पाकिस्तान के साथ नवजोत सिंह सिद्धू के संबंधों पर सवाल उठाया तो कांग्रेस नेताओं ने कैप्टन अमरिंदर की पाकिस्तानी मित्र अरुसा आलम का मुद्दा उठा दिया। इससे पंजाब की सियासत पर अरुसा आलम को लेकर बवाल मच गया है। पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तो आईएसआई के साथ अरुसा आलम के संबंधों की जांच के आदेश भी दे दिए। ट्वीट कर उन्होंने इसकी जानकारी दी। लेकिन बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। इसके बाद वे कैप्टन अमरिंदर की टीम के निशाने पर आ गए। कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व अरुसा आलम की फोटो ट्वीटर पर डाल दी, जिससे पूरी कांग्रेस में हड़कंप मच गया। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने रंधावा को तलब कर लिया। इससे रंधावा अब खुद घिरते दिख रहे हैं।
पहले भी अरुसा के कारण निशाने पर रहे
पाकिस्तानी पत्रकार और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर की महिला मित्र अरुसा आलम को लेकर पंजाब की राजनीति में पहले भी चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन पिछले एक-दो दिन से यह मामला गरमाया हुआ है। सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के साथ अरुसा के संबंधों की जांच के आदेश के बाद कैप्टन अमरिंदर और उनकी उनकी टीम ने पलटवार करते हुए कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन संप्रग सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।
बता दें कि 2006 में अरुसा आलम जालंधर में पंजाब प्रेस क्लब के उद्घाटन समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से मिली थीं। वह जालन्धर प्रेस क्लब के आमंत्रण पर आई थीं और कुछ दिनों बाद ही अरुसा के साथ मित्रता को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने कैप्टन को कठघरे में खड़ा किया था। तीन साल तक उसी उद्घाटन समारोह की फोटो ही खबरों में छाई रही थीं। हालांकि अरुसा को लेकर शुरू से अपना पक्ष स्पष्ट किया था। 2017 में सत्ता में आने के बाद भी विपक्ष ने कैप्टन पर अरुसा को लेकर सियासी वार किए थे, लेकिन वे अपने रुख पर कायम रहे।
किस पर अंगुली उठा रहे रंधावा?
हाल ही में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जब कैप्टन ने अपनी अलग पार्टी बनाने की बात कही तो एक बार फिर वे पंजाब की सियासत का केंद्र बिंदु बन गए हैं। बीते दिन रंधावा ने अरुसा आलम और आईएसआई के संबंधों की जांच को लेकर बयान दिया था, लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो रही थी। शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट करके पंजाब की राजनीति को गरमा दिया। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि अरुसा के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंधों की जांच के आदेश डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को दे दिए गए हैं। इसके बाद कैप्टन के मीडिया सलाहकार रहे रवीन ठुकराल ने ट्वीट करके रंधावा को ही कठघरे में खड़ा करके सवाल पूछा कि रंधावा किस पर अंगुली उठा रहे हैं। अरुसा 16 सालों से आ रही हैं और उस समय केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी। उस समय भी अरुसा केंद्र की मंजूरी लेने के बाद आती थीं और उसके बाद भी आती रही हैं। रंधावा अपनी ही कांग्रेस सरकार के फैसले पर अंगुली उठा रहे हैं या फिर मौजूदा केंद्र सरकार पर पहले यह तो स्पष्ट करें। साथ ही, उन्होंने अरुसा व सोनिया गांधी की फोटो भी पोस्ट की, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी व पंजाब सरकार पूरी तरह बचाव की मुद्रा में आ गई है।
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