कोरोना महामारी के विरुद्ध निर्णायक जंग में भारत ने इतिहास रच दिया है। 21 अक्तूबर को भारत ने 100 करोड़ टीके लगाने का आंकड़ा पार कर लिया। गुरुवार पौने दस बजे टीकाकरण का आंकड़ा एक अरब पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2021 को टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी। महज नौ महीने में वैक्सीन की एक अरब खुराक दे देना ऐतिहासिक उपलब्धि है।
अमेरिका से दोगुना और जापान से पांच गुना तेज रफ्तार
दुनियाभर में भारत में सबसे तेज टीकाकरण अभियान चला। देश में इसकी रफ्तार अमेरिका से दोगुना, जापान से पांच गुना जर्मनी से नौ, फ्रांस से दस, रूस और पाकिस्तान से भी करीब दस गुना तेज रही। अगर हम करीब दो साल पीछे जाएं, जब 31 दिसंबर 2019 को चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोरोना वायरस के बारे में आधिकारिक जानकारी दी थी। भारत में 16 जनवरी 2020 को इस जानलेवा वायरस का पहला मामला सामने आया। इसके बाद तो इस वायरस ने पूरी दुनिया को इतनी तेजी से अपनी चपेट में लिया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
दो गज दूरी, मास्क है जरूरी और लक्ष्मण रेखा का महामंत्र
इस वायरस के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में भारत ने दुनिया का नेतृत्व किया। मानसिक और अनुसंधान दोनों रूपों में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो गज दूरी, मास्क है जरूरी और लक्ष्मण रेखा का मंत्र दिया। एक समय में एक साथ ताली और थाली बजाने का प्रयोग अन्य देशों में भी हुआ। इसका बड़ा फायदा यह हुआ कि भारत के लोग इस महामारी के खिलाफ निर्णायक जंग के लिए तैयार थे। उस समय दुनियाभर से आ रहीं नकारात्मक खबरों के बीच भी भारत के लोगों का मनोबल कम नहीं हुआ। मास्क लगाने की अपील बच्चे भी करते दिखे।
दुष्प्रचार भी कम नहीं हुआ
इस दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री के कदमों को गलत ठहराया गया। नकारात्मक माहौल बनाने की पूरी कोशिश हुई, लेकिन भारत के लोग 21वीं सदी में जी रहे हैं और उन्हें भी यह अच्छे से पता है कि क्या गलत है और क्या सही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह का लोगों ने ध्यान रखा। वैक्सीन आई तब भी यह दुष्प्रचार किया गया कि पूरे भारत को वैक्सीनेट करने में वर्षों लग जाएंगे। यहां तक कि कुछ नेताओं ने तो वैक्सीन लगवाने से ही मना कर दिया था। इसे भाजपा की वैक्सीन करार दिया। कोरोना के खिलाफ पहली पंक्ति में मोर्चा संभाले स्वास्थ्य कर्मियों ने दुष्प्रचार का भी अंत कर दिया। भारत में पहले दस करोड़ डोज लगने में जहां 85 दिन लगे। वहीं अंतिम दस करोड़ डोज लगने में 19 दिन। इस महामारी के खिलाफ जंग में एक बार फिर दिखा कि भारत एकजुट होकर विश्व का नेतृत्व कर रहा है।
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