उत्तराखंड में हुई बारिश से उफनाई नदियों का पानी पश्चिम उत्तर प्रदेश के शहरों तक पहुंच गया है। बरेली, मेरठ, मुरादाबाद मंडल के जिलो में बाढ़ से छह सौ से ज्यादा गांव भी पानी मे डूबे हुए हैं। बाढ़ से अब तक 12 लोगों के मरने की खबर है। जान-माल की सुरक्षा के लिए वायुसेना को बुलाया गया है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही गंगा और उसकी सहायक नदियों रामगंगा, कोसी और गौला ने मचाई है। हरिद्वार से गंगा में छोड़े गए करीब सवा तीन लाख क्यूसेक पानी से बिजनौर जिले में दर्जनों गांवों में बाढ़ आ गई है। बिजनौर से होकर गुजरने वाली रामगंगा का पानी मुरादाबाद और बरेली के ग्रामीण इलाकों में भर गया है। कोसी नदी के बाढ़ के पानी ने रामपुर शहर में बनी गांधी समाधि को छू लिया।
छत में लेनी पड़ी शरण
मुरादाबाद रामपुर हाईवे भोट के पास पानी मे डूब गया है, जिसकी वजह से यातायात बंद है। रामपुर जिले में 35 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। रामगंगा खतरे के निशान पर अभी भी बह रही है। बरेली मंडल में तीन सौ से ज्यादा गांवों में पानी भरा हुआ है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना के हेलीकॉप्टर भोजन के पैकेट गिरा रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान पीलीभीत जिले में हुआ है। शारदा नदी में बनबसा बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से आई बाढ़ ने तराई के खेतों को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां पानी इतना ज्यादा था कि घरों की छतों में लोगों को शरण लेनी पड़ी। पानी मे फंसे सैकड़ों लोगों को वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री करेंगे दौरा
लखीमपुर खीरी में घाघरा नदी में बहकर आ रही लकड़ियों को बीनने की लालच में एक नाव में सवार 17 लोग बह गए, जिनमे से 8 लापता हैं, 9 को बचा लिया गया। पलिया में भी बाढ़ का पानी हर तरफ दिखाई दे रहा है। मेरठ के हस्तिनापुर, खादर जीवनपुरी ब्लॉक में पानी भरा हुआ है। प्रशासन राहत के कामों में लगा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों से हालात की जानकारी ली है। वह आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा भी करेंगे। अभी तक 12 लोगों की जान इस बाढ़ ने ले ली है। करीब 15 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
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