कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर कृषि सुधार कानूनों पर चल रहा विवाद खत्म हुआ तो वे भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन भी करेंगे। अपनी नई पार्टी से वे शिरोमणि अकाली दल (बादल) से अलग होने वाले सुखदेव सिंह ढींढसा और रणजीत ब्रह्मपुरा के गुट के साथ भी गठजोड़ करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार जल्द ही किसानों से बात करेगी। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का उपयुक्त हल निकालना जरूरी है।
भाजपा मुस्लिम विरोधी पार्टी नहीं
कैप्टन ने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान 2022 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर पंजाब में सरकार बनाने पर रहेगा। वे हमेशा पंजाब के साथ खड़े हैं। उनके लिए पंजाब का हित सबसे ऊपर है। भाजपा से वैचारिक टकराव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंन कहा कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं है। उन्होंने भाजपा के मुस्लिम विरोधी होने को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से पहले पंजाब में नरेंद्र मोदी सरकार का कोई विरोध नहीं था। उन्होंने खुलासा किया कि किसान आंदोलन खत्म करवाने के लिए भी कोशिशें चल रही हैं।
लखबीर की हत्या खौफनाक
पूर्व कांग्रेस नेता ने सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या को खौफनाक करार देते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया होगा। देश और पंजाब की सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी स्लीपर सेल के जरिए पंजाब का माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए वे लगातार यह मुद्दा उठाते रहे हैं।
पंजाब में सियासी पारा चढ़ा
कैप्टन अमरिंदर की पार्टी बनाने की घोषणा के बाद पंजाब का सियासी पारा चढ़ गया है। अकाली दल और कांग्रेस कैप्टन पर हमलावर है। कांग्रेस नेता परगट सिंह ने कहा है कि कैप्टन पहले से ही भाजपा से मिले हुए थे। वे ढाई साल से सूबे में भाजपा का ही एजेंडा लागू कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं ढाई साल से कह रहा हूं कि अमरिंदर अकेले नहीं हैं, बादल परिवार भी साथ में है। लेकिन किसी ने इस पर भरोसा नहीं किया। अब धीरे-धीरे बातें सामने आ रही हैं। पंजाब को बर्बाद करने में इन्हीं का हाथ है। वहीं, वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पांच साल से भाजपा की बोली बोल रहे थे। जब उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया गया तो वे यह कह कर दिल्ली गए कि कपूरथला हाउस अपना सामान लेने जा रहे हैं, लेकिन शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गए।
कैप्टन को नवजोत कौर की चुनौती
उधर, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को जवाब दिया है। उन्होंने चुनौती दी है कि कैप्टन अमृतसर पूर्व से सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़कर देखें, उन्हें अपनी और सिद्धू की लोकप्रियता का पता चल जाएगा। अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वे अगले विधानसभा चुनाव में सिद्धू जीतने नहीं देंगे। नवजोत कौर ने कहा कि अकाली दल ने भी सिद्धू को खत्म करने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हुए। सच तो यह है कि कैप्टन को सिद्धू का पंजाब का प्रधान बनना रास नहीं आया।
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