उत्तराखंड के बैराजों से गंगा और उसकी सहायक नदियों में पानी छोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। उत्तराखंड में गंगा, यमुना, टोंस, शारदा, कोसी, रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर है। हरिद्वार के भीमगोड़ा से गंगा में पानी का डिस्चार्ज बढ़ाया गया है और कालागढ़ डैम से रामगंगा में पानी छोड़ा गया है। दोनों नदियों में जलप्रवाह रौद्र रूप में है। गंगा में रोजाना करीब सवा तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। हरिद्वार से आगे बिजनौर बैराज और नरोरा से भी अतिरिक्त पानी का डिस्चार्ज किए जाने से गंगा के तटीय शहरों और कस्बों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
बिजनौर में प्रशासन अलर्ट पर
शारदा नदी के बनबसा बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है, जिसके बाद पीलीभीत, लखीमपुर, गोंडा सहित चौदह जिलो में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। बिजनौर में गंगा को लेकर प्रशासन अलर्ट पर है। कोसी में आई बाढ़ से रामपुर जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। रामपुर का राम रहीम सेतु क्षतिग्रस्त हुआ है। रामपुर में एक बुजुर्ग के कोसी में बह जाने की खबर है। रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, बरेली, पीलीभीत जिलों में खेत जलमग्न हैं। फसलें बर्बाद हो गई हैं। रामगंगा का पानी बदायूं के पास गंगा में मिलता है। गंगा में बढ़ते पानी की वजह से कछला घाट कासगंज और आगे के कस्बों में अगले दो दिनों में रौद्ररूप लेने की संभावना है। यूपी शासन ने इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को सचेत कर दिया है। उनसे कहा गया है कि वे नदियों के जलस्तर पर नजर रखें और लोगों को भी नदियों के तट से दूर रखें।
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