उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के सौ दिन पूरे हो गए है। इन सौ दिनों में मुख्यमंत्री ने 330 फैसले लिए हैं। त्रिवेन्द्र रावत फिर और तीरथ सिंह रावत की तुलना में धामी की कार्यशैली में बहुत अंतर दिखता है। खास बात ये भी है उनकी छवि हिंदूवादी युवा राजनीतिज्ञ के रूप में उभर रही है। पुष्कर सिंह धामी, बिना कैबिनेट के अनुभव लिए सीधे मुख्यमंत्री बने। उस समय कहा जा रहा था कि धामी युवा हैं, उनसे सरकार संभलेगी अथवा नहीं? अपने सौ दिन के कार्यकाल में धामी ने केंद्र और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बेहतर ढंग से लागू किया। अपने पद को संभालते ही चीफ सेक्रेटरी ओपी सिंह को बदलकर नौकरशाही पर नकेल कसने का भी संदेश दिया।
भू कानूनों में चाहते हैं बदलाव
धामी ने सबसे पहले बदरीनाथ-केदारनाथ के पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट्स पर काम तेज करवाया। उन्होंने तेजी से बढ़ रही गैर हिन्दू आबादी पर चिंता भी जताई। गैर हिन्दू आबादी देव स्थल नगरों में न बसे, इससे मुख्यमंत्री भू कानूनों में बदलाव चाहते हैं। धर्मांतरण विषय पर भी पुलिस से कानूनी राय मांगी है कि कैसे इस कानून को यूपी की तरह सख्त बनाया जाए? इस विषय पर शासन स्तर पर मंथन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में अस्थियों के विसर्जन पर ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने पर तत्काल रोक लगाई। साथ ही विवादों में उलझे देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ पुरोहितों के साथ संवाद स्थापित किया। इसके लिए उन्होंने मनोहर कांत ध्यानी कमेटी का गठन किया।
केदारनाथ धाम प्रोजेकट को लेकर गंभीर
मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा को पुनः शुरू करवाने के लिए हाई कोर्ट में सरकार की तरफ से पैरवी करवायी। हिमालय क्षेत्र के अन्य मंदिरों में बारहों मास तीर्थयात्रियों के आने-जाने के लिए सुविधाएं जुटाने के लिए भी कोशिशें तेज की हैं। टिहरी में अवैध मस्जिद के मामले में सख्त रुख अपनाया। मीडिया में खबर आने के चौबीस घंटे के भीतर जिला प्रशासन ने वह स्थान खाली करवा लिया। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ परिसर में चल रहे कार्यों की वह खुद निगरानी कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि निर्माण को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने अपने ऋषिकेश दौरे पर इस बात की चर्चा भी धामी से की थी। धामी इस बारे में प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट ले रहे हैं। माना जा रहा है कि दीवाली से पहले आदि शंकराचार्य का समाधि स्थल और उनकी प्रतिमा स्थापित करने का काम पूरा हो जाएगा।
सड़कों पर भी है जोर
उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड के निर्माण को लेकर धामी ने राष्ट्रीय राज मार्ग के अधिकारियों के साथ चर्चा की है। यह रोड सीमाओं की दृष्टि से जरूरी है। साथ ही साथ चारों धामों में भी तीर्थाटन को बढ़ाने वाली है। मुख्यमंत्री को सैनिक पुत्र होने पर गर्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी धामी को पूर्व सैनिक परिवारों के लिए काम करने वाला सेवक बताया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनकी कार्यशैली की तारीफ की है। देहरादून में बन रहे सैन्य धाम को लेकर बनाई गई योजना पर भी रिपोर्ट लेते हैं। मुख्यमंत्री धामी के सामने चुनाव की चुनौती भी है। वह रोज 18 से 20 घंटे काम कर रहे हैं। विद्यार्थियों को टैबलेट और मेडिकल छात्रों की फीस कम करने से लेकर मेडिकल कॉलेजो और डिग्री कॉलेजो के विस्तार पर वह त्वरित फैसले ले रहे हैं। सौ दिन के काम में 330 फैसले लेना मुख्यमंत्री धामी और उनकी तेजतर्रार कार्यशैली को दर्शाता है। वह कहते हैं कि 21 साल का उत्तराखंड है, 25 साल पूरे होने पर ये देश का सबसे अग्रणी राज्य होगा।
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