झारखंड में कन्वर्जन एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चर्च के लोग केवल जनजातियों का ही, बल्कि अन्य जातियों के लोगों का भी लोभ—लालच से कन्वर्जन कर रहे हैं। यह पूरे हिंदू समाज के लिए चिंता की बात है। इसलिए इस पर कई संगठन गंभीरता से मंथन कर रहे हैं। एक ऐसा ही मंथन गत दिनों विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार और पूर्व सांसद श्री कड़िया मुंडा के बीच हुआ। उल्लेखनीय है कि गत दिनों अपने झारखंड प्रवास के दौरान श्री आलोक कुमार खूंटी स्थित श्री कड़िया मुंडा के निवास पर गए थे। वहां श्री मुंडा ने उन्हें झारखंड में हो रहे कन्वर्जन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कन्वर्जन के पीछे एक बहुत बड़ी साजिश है। किसका कन्वर्जन होगा, कैसे होगा, इस साजिश को अंजाम देने के लिए किसी भी गांव में सबसे पहले चर्च खोला जाता है। इसके लिए पास्टर अपना घर—बार छोड़कर उस गांव में बस जाता है। फिर पास्टर गांव में उन लोगों से मिलता है, जो बेहद गरीब होते हैं, जिनके घर में कोई लंबे समय से बीमार है, जिन्हें नौकरी की तलाश है, उनके दर्द को भी कन्वर्जन की दवा बनाया जाता है।
पास्टर भरोसा देता है कि सब मिलकर प्रार्थना करेंगे तो दुख—दर्द दूर होगा। इसके लिए वह लोगों को बाइबल पढ़वाता है। लोगों का भरोसा जीतने के बाद वह गांव में चर्च खोलने की जद्दोजहद शुरू करता है और लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि कब धोखे से उसकी जमीन लेकर चर्च खुल गया। फिर लोगों का कन्वर्जन शुरू हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि अब बहुत लोग जाग चुके हैं और इस कारण कन्वर्जन करने वालों के विरुद्ध लोगों में गुस्सा है। चर्चा में यह बात भी निकली कि कन्वर्जन की आग को वर्तमान राज्य सरकार भी हवा दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कन्वर्जन रोकने के लिए हमारे सभी संगठनों को मिलकर काम करना होगा, तभी कन्वर्जन रुक सकता है।
इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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