प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एनएचआरसी के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का बहुत बड़ा स्रोत आजादी के लिए हमारा आंदोलन और हमारा इतिहास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का, मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आजादी के लिए हमारा आंदोलन और हमारा इतिहास है। हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्वयुद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया। हमारे बापू को देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में देखता है।
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है। भारत ने इसी कोरोना काल में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों को सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता दी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि वो देश में कहीं भी जाएं, उन्हें राशन के लिए भटकना न पड़े।
गरीबों में हौसला आया -प्रधानमंत्री
जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर था, उस गरीब को शौचालय मिला। जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।
इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ऐसे क्षेत्र पर उनका ध्यान गया जो मानव अधिकार की बात करने वाले सभी के ध्यान से बाहर था, देश के 60 करोड़ गरीब। उन्हें भी समानता का अधिकार है, आजादी तभी सही मायनों में मानी जाएगी जब ये 60 करोड़ गरीब अपनी बुनियादी सुविधा प्राप्त कर लेंगे।
टिप्पणियाँ