लखनऊ ब्यूरो
एसआइटी को ‘कन्वर्जन’ से सबंधित 77 वीडियो मिले हैं. बताया जा रहा है कि कुछ वीडियो में मजहबी कट्टरता के स्पष्ट साक्ष्य हैं. अब एसआइटी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन को नोटिस भेजा है.
गत 27 सितम्बर को एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में आईएएस अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन ‘कन्वर्जन’ के पक्ष में तर्क दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन मजहब को लेकर तकरीर पढ़ रहे हैं. वह कह रहे हैं, 'ऐलान करो, दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है.'
इस मामले में पुलिस महानिदेशक, सीबीसीआईडी गोपाल लाल मीणा और सदस्य एडीजी जोन भानु भास्कर के नेतृत्व में एसआइटी जांच कर रही है. बता दें कि इफ्तिखारुद्दीन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1985 बैच के अधिकारी हैं. इफ्तिखारुद्दीन वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (यूपीएसआरटीसी) के चेयरमैन हैं. वर्ष 2007 से वर्ष 2012 तक वे कानपुर के मंडलायुक्त रहे हैं. विवादित वीडियो भी कानपुर का ही बताया जा रहा है. अभी तक जो वीडियो मिले हैं उसमे अधिकतर वीडियो कानपुर मंडलायुक्त आवास के हैं.
जानकारी के अनुसार 50 से अधिक वीडियो अभी तक एसआईटी को मिल चुके हैं. इसके साथ ही करीब 27 वीडियो क्लिपिंग भी एसआइटी को मिली है. वीडियो में आईएएस अधिकारी इस्लाम को अन्य धर्मों से बेहतर बता रहे हैं. अब यह माना जा रहा है कि पूर्व मंडलायुक्त के विरुद्ध वीडियो के तौर पर पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं. यह मामला एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से जुड़ा हुआ है इलसिए आरोप निर्धारित करने से पूर्व एसआइटी कानून के विशेषज्ञ से भी राय ले रही है.
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