पंजाब की सत्ता से बाहर होने के बाद भी निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। पिछले दो दिनों से उनके द्वारा दिल्ली में किए जा रहे राजनीतिक मार्चपास्ट को सभी टकटकी लगाए देख रहे हैं।
राकेश सैन
पंजाब की सत्ता से बाहर होने के बाद भी निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। पिछले दो दिनों से उनके द्वारा दिल्ली में किए जा रहे राजनीतिक मार्चपास्ट को सभी टकटकी लगाए देख रहे हैं। कैप्टन ने बुधवार की शाम को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर मीडिया सहित सबका ध्यान खींचे रखा तो आज गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल से मुलाकात की। दूसरी ओर ‘आबरा का डाबरा’ शैली में भावनात्मक ट्वीट करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर भी ढीले पड़ते दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने पंजाब के लिए किसी तरह का समझौता नहीं करने की बात कही थी, परन्तु अब उनके सलाहकार पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने कहा है कि सिद्धू अध्यक्ष बने रहेंगे।
कैप्टन की दिल्ली में सक्रियता से पंजाब में उनके अगले कदम को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह बृहस्पतिवार को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल के आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच बातचीत के बाद कयासबाजी का बाजार गर्म हो गया। बताया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर ने डोवल को सीमा पार से पाकिस्तान की ओर से पंजाब की सुरक्षा के लिए पैदा हो रही चुनौतियों व खतरे के बारे में अवगत कराया। उन्होंने डोवल से इस बारे में कारगर कदम उठाने का भी अनुरोध किया। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद पंजाब की राजनीति में तूफान सा आ गया था। कैप्टन अमरिंदर ने अमित शाह से 45 मिनट की मुलाकात के बाद ट्वीट कर जानकारी दी की कि उनकी केंद्रीय गृहमंत्री से किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त करके संकट को हल करने का आग्रह किया था।
पंजाब कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के अचानक इस्तीफे से हंगामे के बीच हुई इस मुलाकात से पंजाब की राजनीति गर्मा गई और इस तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनको अपमानित किया है और वह इससे आहत हैं। इसके साथ ही कैप्टन ने अपने सभी राजनीतिक विकल्प खुले रखने की बात कही थी। कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला करते हुए कहा था कि सिद्धू अस्थिर व्यक्ति हैं। यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के करीब होते हैं तो इससे पार्टी को अगले साल होने वाला पंजाब विधानसभा चुनाव लडऩे में आसानी होगी। अभी किसान आंदोलन के कारण पंजाब में भाजपा और उसके नेताओं को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि सिद्धू प्रदेश प्रधान के पद पर बने रहेंगे। मुस्तफा ने कहा कि सारे मामले जल्द ही सुलझ जाने की उम्मीद है। सिद्धू के कल के वीडियो संदेश के बारे में मुस्तफा ने कहा कि उन्होंने भावुकता में यह बयान दे दिया था। दूसरी ओर सिद्धू ने कहा कि वह सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से बातचीत के लिए जा रहे हैं। ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उनको बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। काबिलेजिक्र है कि चारों ओर हमले झेलने के बाद सिद्धू की अकड़ ढीली पड़ती दिख रही है।
टिप्पणियाँ