'कन्वर्जन' के अब तक के सबसे बड़े मामले में यूपी एटीएस ने तीन और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. कुछ दिनों पहले मौलाना कलीम की गिरफ्तारी की गई थी. कलीम को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. कलीम के खुलासे के बाद एटीएस ने इन तीन अभियुक्तों सलीम, आतिफ और इदरीश को गिरफ्तार किया.
अभियुक्त मोहम्मद सलीम पिछले 17 वर्षों से कलीम सिद्दीकी के साथ मिलकर ‘कन्वर्जन’ के काम में लगा हुआ था. पूछताछ में सलीम ने स्वीकार किया कि ‘कन्वर्जन’ के लिए लोगों से संपर्क करता था. किसी को कहीं ले जाने आदि का कार्य वह कलीम के अनुसार करता था.
अभियुक्त कुणाल चौधरी उर्फ़ आतिफ़ ने रूस से मेडिकल की डिग्री हासिल किया था. यह डिग्री भारत में मान्य नहीं है. इसके लिए एमसीआई की परीक्षा उत्तीर्ण करना पड़ता है. इस परीक्षा को आतिफ पास नहीं कर पा रहा था. परीक्षा में उत्तीर्ण होने के उद्देश्य से आतिफ, कलीम से मिला था. कलीम से मिलने के दौरान ही वह कन्वर्ट हुआ था. एमसीआई की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया था मगर उसके बावजूद वह मेडिकल क्लीनिक चला रहा था. मेडिकल प्रैक्टिस के दौरान ही वह लोगों को कन्वर्ट करने का भी कार्य करता था. आतिफ करीब दो वर्षों से इस कन्वर्जन के धंधे में लिप्त था.
अभियुक्त इदरीश कुरैशी पिछले 20 वर्षों से जमिया तुल वलीउल्लाह अल इस्लामिया जो कि कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट द्वारा संचालित मदरसा है. उस मदरसे के लिए फंड एकत्र करता था और मदरसे के संचालन में भी सक्रिय था.
मदरसे को कन्वर्जन के केंद्र के तौर पर इन अभियुक्तों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था. गत तीन माह के भीतर ही अभियुक्त इदरीश कुरैशी ने लगभग 60 लाख रुपये का रिहायशी मकान मुजफ्फरनगर में बनवाया है.
बता दें कि कन्वर्जन के अब तक के सबसे बड़े मामले में विभिन्न राज्यों से 11 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. गत 21 सितंबर 2021 को मेरठ से कलीम सिद्दीकी को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने कन्वर्जन के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किये. यूपी एटीएस कलीम सिद्दीकी को 10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ कर रही है. पूछताछ में मौलाना ने एटीएस को बताया था कि जब भी वह किसी का कन्वर्जन कराता है तो विदेश में बैठे उनके सहयोगियों द्वारा धनराशि भेजी जाती है. कन्वर्जन के लिए उसे व्यक्तिगत तौर पर काफी पैसे मिलते हैं. जहां भी वह कार्य करता है. वहां सहयोग के लिए इदरीश, सलीम तथा कुणाल उर्फ आतिफ उसके साथी हैं. कन्वर्जन के कार्य में ये तीनों उसका साथ देते हैं. कलीम सिद्दीकी के द्वारा संचालित जमीयत ए इमाम वालीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों में लगभग तीन करोड़ रुपए की धनराशि जमा करने के तथ्य प्राप्त हुए थे. अब तक जो साक्ष्य मिले हैं उसके अनुसार ट्रस्ट के खातों में 20 करोड़ रूपये जमा कराए गए थे.
उल्लेखनीय है कि यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए मौलाना कलीम सिद्दीकी को लेकर नितिन पन्त ने कई राज एटीएस के सामने खोले हैं. निखिल पन्त को कन्वर्ट कराने का आरोप मौलाना सिद्दीकी पर है और नितिन पन्त इस समय एटीएस और पुलिस के स्थानीय अधिकारियों के साथ जानकारी साझा कर रहा है. सहारनपुर में नितिन पन्त द्वारा मौलाना कलीम के विरूद्ध दी गई तहरीर के बाद से वो एटीएस के संपर्क में है. नितिन पन्त सहारनपुर में, मौलाना के चंगुल से भाग निकला था.
नितिन ने बताया कि मौलाना कलीम सिद्दीकी उनसे हिन्दू लड़कियों को फंसाने और उनका कन्वर्जन कराने के लिए लालच दिया करता था. उसके जैसे 72 युवकों को फुलत मदरसे में कन्वर्ट कराया गया है. मदरसे में मोहम्मद उमर भी भड़काऊ भाषण देता था. इसके अलावा एक हिन्दू डॉक्टर था उसे भी मुस्लिम बनाकर नासिक भेजा गया था.
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