सुनील राय
सोशल मीडिया पर शिकायतों, झूठी सूचनाओं और अफवाहों पर पुलिस की पैनी नजर है. ऐसे मामलों में पुलिस ने एक हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए हैं और 35 हजार से ज्यादा पोस्ट के खिलाफ संबंधित कंपनी को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट किया है. सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया. सोशल मीडिया पर गलत खबरों के नियंत्रण और सख्त पुलिसिंग की वजह से पिछले तीन सालों में कोई दंगा या सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ है
नवम्बर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्रीराम जन्मभूमि के फैसले के बाद सिर्फ पांच दिनों में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध 78 मुकदमे दर्ज किए गए. इसके साथ ही 14,380 सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई के लिए संबंधित कंपनी को रिपोर्ट किया गया.
प्रदेश में सीएए और एनआरसी को लेकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर किए गए आपत्तिजनक, भ्रामक, पोस्ट, मैसेज और वीडियो आदि के सम्बन्ध में वर्ष 2019 के दिसंबर माह में 95 मुकदमे दर्ज कर 120 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान कुल 21,388 सोशल मीडिया पोस्ट के विरुद्ध कार्रवाई के लिए संबंधित कम्पनी को रिपोर्ट किया गया.
गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर 889 मुकदमे दर्ज किए गए, इनमें से 225 मुकदमे अफवाह या भ्रामक सूचना से संबंधित टिप्पणी, 454 मुकदमे सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली टिप्पणी और 210 मुकदमे अन्य विभिन्न प्रकार की टिप्पणियों के बारे में भी किए गए.
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