तालिबान की इस बार की हुकूमत के विरुद्ध अफगानिस्तान के लोग ज्यादा मुखर दिख रहे हैं। हालांकि तालिबान के उन्मादी सरगना बाद में उस विरोध से अपनी तरह से निपट भी रहे हैं
तालिबान ने हाल में कंधार के दक्षिणी इलाके में एक सैन्य कॉलोनी से लोगों को घर खाली करने का फरमान सुनाया है। इसके विरुद्ध 14 सितम्बर को हजारों अफगानी लोगों ने एकजुट होकर गवर्नर हाउस के सामने प्रचंड प्रदर्शन करके इसका तीखा विरोध किया। बड़ी तादाद में वहां रहने वाले लोगों ने तालिबान के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए गवर्नर हाउस के बाहर प्रदर्शन किया। बताते हैं, वहां करीब तीन हजार से ज्यादा परिवार रह रहे हैं।
एक आहत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी ने दुखी स्वर में कहा कि यहां रहने वाले करीब तीन हजार परिवारों को बिना वजह सिर्फ तीन दिन में घर खाली करने का फरमान दे दिया गया। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारी शहर के रास्ते जाम करके बैठ गए। हालांकि तालिबान ने फिलहाल इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि उनके रवैए को देखते हुए कोई तीखी प्रतिक्रिया देखने में आ सकती है। हालांकि स्थानीय तालिबान नेताओं ने इस मामले की जांच कराने का भरोसा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन करने की पहले से इजाजत लेनी चाहिए थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान की इस बार की हुकूमत के विरुद्ध अफगानिस्तान के लोग ज्यादा मुखर दिख रहे हैं जो अच्छी बात है। हालांकि तालिबान के उन्मादी सरगना बाद में उस विरोध से अपनी तरह से निपट भी रहे हैं। पिछले 1996 के राज के जैसा ही डरावना माहौल बनाया जा रहा है, जबरन शरीयती कायदे थोपे जा रहे हैं। अगर वह सैन्य बस्ती खाली कराने का फरमान कड़ाई से लागू करवा दिया तो ऐसे तीन हजार परिवारों की महिलाएं और बच्चे सड़क पर आ जाएंगे जो पहले ही तंगहाली में जी रहे हैं।
तालिबानी फरमान के विरोध में कंधार की सड़कों पर उतरे हजारों लोग
करीब तीन हजार परिवारों को बिना वजह सिर्फ तीन दिन में घर खाली करने का फरमान दे दिया गया। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारी शहर के रास्ते जाम करके बैठ गए। हालांकि तालिबान ने फिलहाल इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि उनके रवैए को देखते हुए कोई तीखी प्रतिक्रिया देखने में आ सकती है।
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