तालिबान की 'सरकार' 9/11 हमले की बरसी मतलब 11 सितंबर को बैठेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह तिथि घोषित की जाती है तो उसके साफ मायने होंगे कि तालिबान अमेरिका को चिढ़ाना चाहते हैं। बताते हैं इन मजहबी उन्मादी लड़ाकों की सरकार में 33 लड़ाकों को 'मंत्री' बनाया गया है
कई दिनों की अटकलों और कथित बातचीतों के सिलसिलों के बाद तालिबान के प्रवक्ता ने आखिरकार मजहबी उन्मादी लड़ाकों की तथाकथित कार्यवाहक सरकार की घोषणा कर दी। उन्मादी लड़ाकों के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कल ये घोषणा की। उसकी घोषणा के अनुसार, मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद कार्यवाहक प्रधानमंत्री, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कार्यवाहक उपप्रधानमंत्री और हक्कानी नेटवर्क का असदुद्दीन हक्कानी कार्यवाहक आंतरिक मंत्री बनाया जाएगा।
प्रवक्ता द्वारा बताया यह भी गया है कि मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री बनेगा। जबकि सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री तथा मुल्ला अमीर खान को विदेश मंत्री बनाया जाना तय है। तथाकथित सरकार की घोषणा के बाद इन अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि यह तथाकथित सरकार बैठेगी कब? पहले बताया गया था कि तालिबान की 'सरकार' 9/11 हमले की बरसी मतलब 11 सितंबर को बैठेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह तिथि घोषित की जाती है तो उसके साफ मायने होंगे कि तालिबान अमेरिका को चिढ़ाना चाहते हैं। बताते हैं इन मजहबी उन्मादी लड़ाकों की सरकार में 33 लड़ाकों को 'मंत्री' बनाया गया है। बड़े—बड़े बयानों के बावजूद इन 33 कट्टर लड़ाकों में एक भी महिला को 'मंत्री' नहीं बनाया गया है।
नई सरकार का प्रमुख मुल्ला हसन तालिबान के दमदार फैसले लेने वाले जमावड़े 'रहबरी शूरा' का प्रमुख बना है। ये 'शूरा' सरकार के मंत्रिमंडल जैसा है और लड़ाकों की 'सरकार' के सभी विषयों को देखेगा। बताते हैं, मुल्ला हसन को यह जिम्मेदारी मुल्ला हिबतुल्लाह के प्रस्ताव पर दी गई है। ये मुल्ला हसन उस कंधार से है जहां तालिबान पैदा हुआ था।
नई सरकार का प्रमुख मुल्ला हसन तालिबान के दमदार फैसले लेने वाले जमावड़े 'रहबरी शूरा' का प्रमुख बना है। ये 'शूरा' सरकार के मंत्रिमंडल जैसा है और लड़ाकों की 'सरकार' के सभी विषयों को देखेगा। बताते हैं, मुल्ला हसन को यह जिम्मेदारी मुल्ला हिबतुल्लाह के प्रस्ताव पर दी गई है। ये मुल्ला हसन उस कंधार से है जहां तालिबान पैदा हुआ था। वह लड़ाकों के इस गुट की नींव डालने वालों में से एक रहा है। वह 'शूरा' के मुखिया के नाते 20 साल काम देख चुका है और मुल्ला हिबतुल्लाह का नजदीकी माना जाता है। यही मुल्ला हसन ने 1996 से 2001 के दौरान लड़ाकों की तत्कालीन सरकार में विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री रह चुका है।
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