मेवात में मनोज और देवेंद्र का कन्वर्जन कराने वाला अबू बकर खुद कन्वर्टेड है। तीन दिन की पुलिस हिरासत में अब बकर अब अपने राज़ उगल रहा है। जमीन के लालच में उसके पिता ने अपने साथ पत्नी बबली, दो बच्चों संदीप और सपना का भी कन्वर्जन करा दिया था।
14 साल पहले अबू बकर हिंदू था। उसका नाम संदीप यादव था। वह गुड़गांव के पटौदी थाना अंतर्गत नूरगढ़ गांव में रहता था। यहां उसके पिता की जमीन और घर भी था। लेकिन 2007 में जब उसके पिता तेजपाल ने इस्लाम कबूल लिया तो सबकुछ बेच कर पूरा परिवार मेवात में नूंह के सलंबा गांव में जाकर बस गया। उसका पिता नूंह के टाई गांव के एक निजी स्कूल में पढ़ाते थे।
दरअसल तेजपाल को यह लालच दिया गया था कि कन्वर्ट होने के बाद मेवात में उसे 500 गज का प्लॉट मिलेगा। इस्लाम कबूल ने के बाद तेजपाल ने अपना नाम बदलकर अबुल रहमान और बेटे का नाम अबु बकर रख दिया। वहीं पत्नी का नाम मरियम और बेटी सपना का नाम जैनब रख दिया। बाद में संदीप उर्फ अबु बकर का निकाह फरीदाबाद के धौज थानांतर्गत नदियापुर गांव में करा दिया। उसके दो बच्चे हैं। सलम्बा में उसकी 200 गज जमीन भी है। अबु बकर वामसेफ संस्था से जुड़ा हुआ था और धौज में मदरसा भी चलाता है, जिसमे 200 बच्चे पढ़ते हैं।
बता दें कि अबु बकर ने मेवात के दो हिन्दू युवकों मनोज और देवेंद्र को लालच देकर कन्वर्जन कराया था। मनोज को अप्रैल 2020 में पैसे का लालच देकर मुसलमान बनाने के बाद उसका नाम अनस रख दिया। फिर उसे उसे दूसरे हिंदू युवाओं को मुसलमान बनाने के काम में लगा दिया गया। इसी दौरान उसे गोमांस खाने के लिए बाध्य किया जाता और ऐसा न करने पर उसके साथ मारपीट की जाती। वहीं, देवेंद्र को नौकरी का झांसा देकर मोहम्मद जैद बना दिया गया। दोनों ने अबु बकर के खिलाफ एसपी से शिकायत की थी। इसके बाद अबु बकर और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर धौज से उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद अबु बकर को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज गया था।
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