ऐसा लगता है तालिबान ने केवल अफगानिस्तान में पर ही कब्जा नहीं किया है, बल्कि भारत के कट्टरपंथी मुसलमानों की सोच पर भी कब्जा कर लिया है। इसीलिए जिहादी मानसिकता वाले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, शायर मुनव्वर राणा, ऑल इंडिया पर्सनल लॉ मुस्लिम बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी और देवबंद के उलेमा मौलाना मुफ़्ती अरशद फारूकी सहित तमाम कट्टरपंथी मुल्ले-मौलवी तालिबानी आतंकियों का महिमामंडन कर रहे हैं। यहां तक कि खेल में भी तालिबानी सोच को शामिल कर लिया गया है।
ताजा मामला राजस्थान के सीमावर्ती जिला जैसलमेर का है। जैसलमेर जिले में जैसुराना नामक एक गांव है। यहां एक कथित सामाजिक कार्यकर्ता अलादीन खान की याद में हर साल एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। इस टूर्नामेंट में आसपास के गांव की क्रिकेट टीमें हिस्सा लेती हैं। इस साल भी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए क्रिकेट टीमों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इस तरह कुल 10 टीमों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया।
इसमें "तालिबान क्लब" नाम से चौधरिया गांव के मुस्लिम युवाओं की एक क्रिकेट टीम ने भी हिस्सा लिया। लेकिन आयोजकों ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई और टीम को टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी। 22 अगस्त से टूर्नामेंट शुरू हो गया। क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन मौके पर जैसलमेर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खान मुख्य अतिथि थे। जब लोगों को पता चला कि इस टूर्नामेंट में "तालिबान क्लब" नाम से कोई टीम खेल रही है तो हंगामा मच गया। सोशल मीडिया पर इसे लेकर विरोध शुरू हो गया। लोग नाराजगी जताने लगे।
इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी कि गांव में जो क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है, उसमें "तालिबान क्लब" नाम से एक क्रिकेट टीम भी हिस्सा ले रही है। पुलिस मौके पर पहुंची और आयोजकों को पाबंद कर दिया। बाद में टूर्नामेंट के आयोजकों ने घटनाक्रम पर अफसोस जताया और लिखित माफी मांगी। अलादीन खान मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजक इस्माइल के अनुसार, तालिबान क्रिकेट क्लब" को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया है और उस पर हमेशा के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया गया है।
इस्माइल का कहना है कि इस टूर्नामेंट का आयोजन आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए किया जाता है। उसने कहा कि हमें इस टीम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और न ही हमने इस पर ध्यान दिया। लेकिन जैसे ही यह मामला हमारे संज्ञान में आया हमने टीम को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर हमें खेद है और हम सभी से माफी चाहते हैं। बता दें कि तालिबान क्रिकेट क्लब में मठार खान (कप्तान), अबाल बाजीगर खान, अलादीन खान, अमीन खान, गुमाना राम, हाजी, जाको, जमाल खान, कमाल जंजं, खामिश खान, माधे खान, महेश और मेहराब शामिल थे।
"तालिबानी सोच" पर कार्रवाई की मांग
मंगलवार को हिंदू संगठनों ने जिला उपायुक्त और एसपी को ज्ञापन सौंपकर तालिबानी सोच वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बजरंग दल के संयोजक लालू सिंह सोढा ने कहा कि जैसलमेर हमेशा से संवेदनशील शहर रहा है। यहां समय-समय पर देश विरोधी गतिविधियां होती रही हैं। इसलिए उपायुक्त और एसपी से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की गई है। मांग पत्र में कहा गया है कि तालिबानी आतंकी जो कुछ कर रहे हैं, वह अमानवीय है और इसकी भर्त्सना की जानी चाहिए। इस देश में कुछ असामाजिक तत्व आतंकी विचारधारा का समर्थन कर रहे हैं। उनकी इन हरकतों से प्रतीत होता है कि भारत में तालिबान को लाने का प्रयास किया जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद के जिला सचिव पवन वैष्णव ने कहा कि इस मुद्दे पर जैसलमेर के लोगों में बहुत नाराजगी है। इस पर तत्काल कार्रवाई करने की ज़रूरत है। यह एक सुनियोजित रणनीति है। वे देखना चाहते थे कि कोई इसका विरोध करता है या नहीं। असामाजिक तत्व जैसलमेर की शांति को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।
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