रामगणेश इस स्वतंत्रता दिवस पर नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय समारोह में वनटांगिया समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे. स्वतंत्रता दिवस समारोह में उत्तर प्रदेश से कुल 10 लोगों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है.
लगभग सौ वर्षों तक उपेक्षित रहे वनटांगियों को भारतीय गणतंत्र के नागरिक के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहचान दिलाई. वर्ष 1918 से साखू के जंगलों में रहने वाले वनवासी लोगों का राजस्व अभिलेखों में विवरण तक दर्ज नहीं था. वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांव को राजस्व ग्राम घोषित किया. वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर तीन के रामगणेश कहते हैं कि हम लोगों पर बाबा जी की नजर नहीं पड़ी होती तो हम जंगलों में ही मरते-खपते रहते. उन्होंने तो हम लोगों को 'इंसान' बना दिया.
वनटांगिया समुदाय के लोगों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनके संसदीय कार्यकाल से ही विशेष लगाव रहा है. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांवों का तेजी से विकास कराया. वर्तमान समय में वनटांगिया गांवों में हर परिवार के पास पीएम-सीएम आवास योजना के अंतर्गत पक्का मकान है. सभी घरों में स्वच्छ भारत मिशन योजना में शौचालय है. सबके पास राशनकार्ड, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत निःशुल्क रसोई गैस की सुविधा है. सौभाग्य योजना के अंतर्गत निःशुल्क विद्युत कनेक्शन हैं. इन गांवों में लोगों को पात्रता के अनुसार पेंशन भी मिल रही है. कभी शिक्षा इनके लिए दूर की कौड़ी थी. अब इनके गांव में ही सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बन चुके हैं. गांव के लोग आरओ मशीन से शुद्ध पेयजल प्राप्त करते हैं.
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