बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर दूध उत्पादन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रत्येक गांव में कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली से दूध की खरीद का प्रबंध किया गया है.
यह पहला अवसर है जब पूर्वांचल के जनपदों के साथ रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर और रामपुर में भी दूध उत्पादन के क्षेत्र में विशेष बल दिया जा रहा है. सरकार इसके लिये 5 महीनों में 1 लाख नए स्वयं सहायता समूहों का गठन करेगी. प्रदेश के विभिन्न जनपदों में दुग्ध बाजार की उपलब्धता और दुग्ध संग्रहण की पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है.
नियमित एवं समय पर दूध के मूल्य का सीधा भुगतान उनके व्यक्तिगत बैंक खाते में किया जाएगा. गौरतलब है कि बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से बुंदेलखंड के 5 जनपदों -झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट – के 634 गांव की 24,180 से अधिक महिला किसानों को जोड़कर प्रतिदिन करीब 60,000 लीटर दूध का संग्रहण और व्यापार किया जा रहा है. यह कंपनी राष्ट्रीय आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्त पोषित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसम्बर 2019 में इसका उद्घाटन किया था. इस योजना के अंतर्गत महिला किसानों के खाते में सीधे भुगतान किया जाता है.
महिलाओं को ग्रामीण रोजगार में बढ़ावा देने एवं सशक्त बनाने के लिये सरकार मिशन शक्ति के तीसरे चरण में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 500 नई राशन की दुकानें आवंटित करने जा रही है. पहली बार प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाने के साथ उनको रोजगार से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है.
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