'वायस आफ हिंद' के नाम से एक आनलाइन पत्रिका निकालने वाले आइएस के माड्यूल का राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पर्दाफाश किया था। इस कड़ी में कर्नाटक के भटकल से जुफरी जौहर दामुदी और इसके सहयोगी अमीन जुहैब को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
आईएस पूरे भारत में स्लीपर सेल और कट्टरवादी तत्वों का झुंड तैयार करने में जुटा था। यह राज आइएस के गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में खुला। 'वायस आफ हिंद' के नाम से एक आनलाइन पत्रिका निकालने वाले आइएस के माड्यूल का राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पर्दाफाश किया था।
इस कड़ी में कर्नाटक के भटकल से जुफरी जौहर दामुदी और इसके सहयोगी अमीन जुहैब को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। जुफरी जौहर दामुदी अपनी पहचान बदल अबु हाजिर अल बदरी के नाम से सक्रिय था। खबरों के अनुसार ये आतंकियों हाल—फिलहाल में देश में किसी वारदात को अंजाम देने की योजना में नहीं थे बल्कि वे लंबी कार्ययोजना पर काम कर रहे थे। यह सभी पाकिस्तान व अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय आकाओं के साथ संपर्क में थे।
सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आतंकियों के पास विस्फोटक सामग्री या हथियार बरामद नहीं हुए। पूछताछ में जुफरी ने बताया कि उसे फिलहाल आइएस की प्रचार सामग्री को स्थानीय भाषाओं में छपवा कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और पूरे देश में स्लीपर सेल खड़ा करने का काम मिला था। जुफरी आइएस की अरबी में भेजे गई प्रचार सामग्री का मलयालम में अनुवाद करता था और इसके जरिये युवाओं को आइएस के लिए तैयार करता था।
बहरहाल, जुफरी और अमीन से अब तक की पूछताछ से साफ हो गया है कि वे इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) की तर्ज पर पूरे देश में संगठन खड़ा करना चाहते थे।
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