राशिद खान के इस ट्विटर संदेश का दूर तक असर पड़ा है, दुनिया भर से लोगों ने सहानुभूति जताते हुए सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। नेताओं से अफगानिस्तान की हरसंभव सहायता की अपीलें की गई हैं
अफगानिस्तान के मशहूर क्रिकेटर, देश के चहीते खिलाड़ी राशिद खान ने अफगानिस्तान में आएदिन बिगड़ रहे हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। तालिबान के बढ़ते आतंक और इलाकों पर बढ़ते उसके कब्जे से बर्बर दौर लौटता दिख रहा है। इस पर राशिद ने दुखी होकर 10 अगस्त को एक ट्वीट लिखा, जिसे दुनियाभर में पढ़ा गया और उनकी चिंता साझी की गई। अपने ट्वीट के जरिए राशिद ने दुनिया के वरिष्ठ नेताओं से विनती की है कि वे 'अफगानिस्तान के लोगों को यूं मरने के लिए अकेला न छोड़ें। वहां बन रहीं मुश्किल परिस्थितियों में अफगानिस्तान और यहां के लोगों की मदद करें'।
अपने देश के लिए फिरकी गेंदबाज के नाते अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार खेल का प्रदर्शन करते आ रहे राशिद ने ट्वीट में यह लिखा है-''दुनिया के प्यारे नेताओ! मेरा देश मुसीबत में है। रोजाना महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोग मारे जा रहे हैं। लोगों के घरों और संपत्तियों को तबाह किया जा रहा है। लोग अपने घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं। इन मुश्किल परिस्थितियों में हमें अकेला मत छोड़िए।
दरअसल राशिद ही नहीं, सभी अमनपसंद अफगानी, दुनिया के सभ्य देश आज अफगानिस्तान में बढ़ते तालिबानी आतंक से आहत हैं। क्रिकेटर राशिद खान का दुखी होने समझा जा सकता है। सोशल मीडिया की ताकत वे जानते हैं। इसीलिए उन्होंने ट्विटर के माध्यम से दुनिया के बड़े नेताओं से उक्त अपील का मार्ग चुना है। राशिद ने अपने संदेश में अफगानी लोगों को बचाने की अपील की है। जिस देश में क्रिकेट हाल में शुरू हुआ है वहां के एक मंझे हुए क्रिकेटर हैं राशिद। स्वाभाविक है कि उनके ट्वीट पर दुनिया का ध्यान जाना ही था और बड़ी तादाद में सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आना यही जताता है कि लोग उनकी बातों से सहमत हैं और अफगानी जनता के प्रति सहानुभूति रखते हैं।
अपने देश के लिए फिरकी गेंदबाज के नाते अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार खेल का प्रदर्शन करते आ रहे राशिद ने ट्वीट में यह लिखा है-''दुनिया के प्यारे नेताओ! मेरा देश मुसीबत में है। रोजाना महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोग मारे जा रहे हैं। लोगों के घरों और संपत्तियों को तबाह किया जा रहा है। लोग अपने घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं। इन मुश्किल परिस्थितियों में हमें अकेला मत छोड़िए। अफगानिस्तान और यहां के लोगों को बर्बाद होने से बचा लीजिए। हम शांति चाहते हैं।''
अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों सहित वहां काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को तुरंत स्वदेश लौटने की सलाह जारी की जा चुकी है। 10 अगस्त को विशेष विमान से अनेक भारतीय नागरिकों को मजार-ए-शरीफ से सुरक्षित निकाला गया है।
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