प्रदेश में बरेली सहित कई जिलों के लोगों को जल्द नई उड़ानों की सौगात मिलने वाली है. इसमें सबसे पहले बरेली से मुंबई के लिए 12 अगस्त को और बेंगलुरु के लिए 14 अगस्त को उड़ान सेवाएं शुरू होने वाली हैं. इसके अलावा कानपुर से हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली की उड़ानें 15 सितंबर से शुरू होने की संभावना है. एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से लोगों को न सिर्फ आवागमन में सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा.
जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भारतीय स्टेट बैंक 3,725 करोड़ रूपये का कर्ज यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) को देगा. परियोजना के पूर्ण होने के बाद एक साल की मोहलत के साथ 20 साल की अवधि में वाईआईएपीएल यह कर्ज चुकाएगा. यह धनराशि मिलने के बाद जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी आएगी.
वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा ही संचालित थे और यहां से 25 स्थानों के लिए ही हवाई सेवाएं उपलब्ध थीं लेकिन अब आठ एयरपोर्ट शुरू हो गए हैं. 71 स्थानों के लिए हवाई सेवाएं संचालित हैं. इसमें 59 घरेलू उड़ानें और 12 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं. इसके अलावा कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी उड़ानों के लिए उपलब्ध हो गया है.
विगत चार वर्षों में बरेली, प्रयागराज, हिंडन और कानपुर एयरपोर्ट का विकास कार्य कराया गया है. इसके साथ ही 10 और एयरपोर्ट आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, सोनभद्र, अयोध्या और जेवर का कार्य कराया जा रहा है. इसमें अयोध्या और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं. इसके अलावा उड़ान स्कीम में चयनित अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट और सोनभद्र से जल्द नई उड़ान सेवाएं शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार आठ हवाई अड्डों पर करीब 7,076 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इसमें सबसे ज्यादा 5,182 करोड़ जेवर एयरपोर्ट के लिए और एक हजार करोड़ की धनराशि अयोध्या एयरपोर्ट के लिए अवमुक्त की गई है. इसी प्रकार बरेली, प्रयागराज, हिंडन, कानपुर , आगरा और सहारनपुर में एयरपोर्ट के लिए धनराशि मुहैया कराई गई है. इसके अलावा अयोध्या एयरपोर्ट के लिए करीब छह सौ एकड़ भूमि की खरीद के लिए 1,001 करोड़ रुपए दिए गए हैं और करीब तीन सौ एकड़ भूमि खरीदी गई है.
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