बहुत जल्द नोएडा में निर्मित खिलौने बाजार में उपलब्ध होंगे. बच्चों को चीन के बने हुए खिलौनों पर निर्भर नहीं रहना पडेगा. देश के कई बड़े उद्योगपतियों ने नोएडा में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने की पहल की है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नोएडा के सेक्टर-33 में खिलौना पार्क का निर्माण करवाया है. इस पार्क में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 134 उद्योगपतियों ने भूखंड लिया है. ये 134 उद्योगपति 410.13 करोड़ रुपए का निवेश कर जल्दी ही खिलौना पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करेंगे.
जानकारी के अनुसार, कई बड़ी कंपनियों ने खिलौना पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए पहल की है. अब तक 134 कंपनियों को खिलौना पार्क में फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई है. जमीन पाने वाली कंपनियां जल्दी ही खिलौना पार्क में फैक्ट्री लगाना शुरू करेंगी. पार्क में जमीन लेने वाली देश की प्रमुख कंपनियों में फन जू टॉयज इंडिया, फन राइड टॉयस एलएलपी, सुपर शूज, आयुष टॉय मार्केटिंग, सनलार्ड अप्पारेल्स, भारत प्लास्टिक, जय श्री कृष्णा, गणपति क्रिएशन और आरआरएस ट्रेडर्स प्रमुख हैं.
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2024 तक भारत का खिलौना उद्योग 147-221 अरब रुपये का हो जाएगा. दुनियाभर में जहां खिलौने की मांग में हर साल औसत करीब पांच फीसद का इजाफा हो रहा है, वहीं भारत की मांग में 10-15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है. निर्यात की बात करें तो 18 से 20 अरब रुपये के खिलौने का निर्यात हो रहा है. भारत में जहां खिलौना निर्माता असंगठित हैं, वहीं खिलौने की गुणवत्ता भी बड़ी चुनौती है. निर्माण में लागत ज्यादा होने की वजह से भारतीय खिलौने अपने ही बाजार में आयातित खिलौने से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पते हैं. ऐसे में जरूरी है कि खिलौने की लागत कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएं. इसीलिए राज्य में खिलौना पार्क बनवाया जा रहा है.
चीन के खिलौने मंहगे और जल्दी खराब होते हैं इसलिए अब यह माना जा रहा है कि नोएडा में खिलौनों का निर्माण शुरू होने के बाद चीन में बने खिलौनों की मांग घटेगी. चीन में बनी झालरों की मांग बाजार में पहले ही घट चुकी है.
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