केजरी के विधायक मालामाल, एमसीडी कर्मचारी बेहाल
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

केजरी के विधायक मालामाल, एमसीडी कर्मचारी बेहाल

by WEB DESK
Aug 4, 2021, 02:33 pm IST
in भारत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आशीष कुमार 'अंशु'


केजरीवाल अपने विधायकों का वेतन बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं, जबकि उनकी गलत नीतियों के कारण एमसीडी के कर्मचारियों के घरों में आज चूल्हा जलाने तक पर संकट है


दिल्ली सरकार पर पिछले कई महीनों से यह सवाल उठ रहा है कि वह दिल्ली नगर निगम को पैसा क्यों नहीं दे रही है ? जबकि उसके पास विज्ञापन से लेकर अपने विधायकों की सैलरी बढ़ाने तक के लिए पर्याप्त पैसा है। केजरीवाल सरकार के इस व्यवहार पर दिल्ली उच्च न्यायालय तक को टिप्पणी करनी पड़ गई कि वह विज्ञापन पर पैसे खर्च कर सकती है तो निगम का पैसा क्यों नहीं दे रही। निगम लंबे समय से अपने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के लिए दिल्ली सरकार के सामने गुहार लगा रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार को मानो कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

टीम अन्ना को हासिए पर डालकर सक्रिय राजनीति में आए केजरीवाल का अब तक कोई ऐसा सगा नहीं बचा है, जिसे उन्होंने ठगा ना हो। दिल्ली की जनता तो बार—बार ठगी जा रही है। केजरीवाल की राजनीति शुचिता और ईमानदारी की आदर्शवादी बातों से शुरू हुई थी। उनकी बातों में दिल्ली आ गई। दिल्ली को लगा कि केजरीवाल भारतीय राजनीति में मिसाल बनेंगे। लेकिन उनकी सरकार ईमानदारी के क्षेत्र में कुछ नया नहीं कर पाई, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार में नए कीर्तिमान स्थापित किए। उनके लोग दिल्ली दंगों से लेकर राशन कार्ड बनाने के नाम पर यौन उत्पीड़न करते हुए पकड़े गए।

देखते—देखते दिल्ली वाले केजरीवाल भ्रष्टाचार, अराजकता, झूठ, फरेब और भाई भतीजावाद करने वाले केजरीवाल बन गए। केजरीवाल ने दिल्ली वालों के उस भरोसे को तोड़ा है, जिसकी बुनियाद पर लाखों लोग व्यवस्था परिवर्तन की उम्मीद लगाए बैठे थे।

केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ना सरकारी बंगला छोड़ा, ना सरकारी गाड़ी छोड़ी और ना सरकारी सुरक्षा के ताम—झाम से मुक्त हुए। आज केजरीवाल से मिलना दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्रियों से मिलने के मुकाबले कही अधिक कठिन है। जबकि साहिब सिंह वर्मा, मदन लाल खुराना या फिर शीला दीक्षित से मिलना आम आदमी के लिए इतना कठिन नहीं था, जितना केजरीवाल से मिलना हो गया है।

केजरीवाल अपने विधायकों का वेतन बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं, जबकि उनकी गलत नीतियों के कारण एमसीडी के कर्मचारियों के घरों में आज चूल्हा जलाने तक पर संकट है। दिल्ली सरकार के इस व्यवहार पर दिल्ली बीजेपी की यह टिप्पणी सही जान पड़ती है कि स्वराज की बात करते हुए सत्ता में आए मुख्यमंत्री केजरीवाल जब प्रधानमंत्री से मिलने जाते हैं तो सरकार की योजनाएं पूरी करने के लिए मोदी जी से अतिरिक्त सहायता मांगते हैं। दिल्ली की जनता और मीडिया से यही केजरीवाल कहते हैं कि मोदी सरकार हमारी मदद नहीं कर रहा। वहां से फंड आते ही हम सारे वादे पूरे कर देंगे।

दूसरी तरफ जब निगम अपने हक के राजस्व का हिस्सा उनसे मांगता है तो केजरीवाल कहते हैं कि निगम स्वयं पैसा लाए या फिर निगम के भाजपा नेता इस्तीफा दे दें। केजरीवाल तो यह तक कह देते हैं, ''मैं खुद नगर निगम चला लूंगा।''

 

 यह विडम्बना नहीं तो और क्या है कि स्वराज, लोकतंत्र और जनमत संग्रह की बात करने वाले केजरीवाल और उनकी पार्टी शासकीय प्रणाली की नींव नगर निगम पर ऐसी टिप्पणी करते हुए शर्मिन्दा तक नहीं हो रहे। यदि बात छोड़ने और चलाने की ही है तो वे केन्द्र सरकार के पास बात—बात पर पैसा मांगने क्यों चले जाते हैं ? यदि सरकार नहीं चला पा रहे तो छोड़ दें। राष्ट्रपति जी की देखरेख में दिल्ली का भविष्य केजरीवाल सरकार के मुकाबले अधिक सुरक्षित ही होगा।

जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। बेरोजगारी की स्थिति चिन्ताजनक है। केजरीवाल के पास निगम को देने के लिए पैसा नहीं है। दिल्ली सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं पैसों की कमी की वजह से पूरी नहीं हो पा रही हैं। दिल्ली की स्वास्थ सुविधा पूरी तरह लड़खड़ा रही है। शिक्षा का हाल बेहाल है। सार्वजनिक परिवहन से लेकर सड़क तक की स्थिति चिन्ताजनक है। ऐसे समय में विधायकों के वेतन से लेकर भत्ता तक बढ़ाने का प्रस्ताव आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति पर प्रश्नचिन्ह है। यह एक ऐसी राजनीति की तरफ इशारा है, जहां पार्टी के लिए जनता और उसका दुख—दर्द कोई मायने नहीं रखता। मतलब साफ है, केजरीवाल सरकार के खाने के दांत और हैं और दिखाने के और।

ऐसा कहना इसलिए भी अतिश्योक्ति नहीं है, क्योंकि केजरीवाल अपने विधायकों के वेतन बढ़ाने पर अड़े हैं। दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार होने के बावजूद प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी तरह ठप है। ईमानदारी और राजनीतिक सुचिता की बात करने वाले केजरीवाल की पहचान अब दिल्ली में कुशल प्रशासक की नहीं बल्कि एक अवसरवादी नेता की बन रही है। दिल्ली एक तरफ आक्सीजन की कमी और राजधानी में मौत के मचे तांडव से उबर भी नहीं पाई है, वहीं दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री अपने नेताओं के भत्ते की चिन्ता में डूबे हैं। दिल्ली इस पूरे वाक्ये को अच्छे से देख और समझ रही है।

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies