सांसद आजम खान ने जौहर विश्वविद्यालय बनाते समय जो अनियमितताएं की थीं. उसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. अब जौहर विश्वविद्यालय के द्वार को ध्वस्त किया जाएगा. सपा सरकार में आज़म खान ने अपनी ताकत का दुरूपयोग करते हुए इस द्वार का निर्माण कराया था. द्वार का निर्माण सरकारी भूमि पर कराया गया था.
भाजपा की सरकार बनने के बाद इस मामले की शिकायत की गई थी. लोक निर्माण विभाग ने उक्त भूमि पर सड़क का निर्माण कराया था. उस समय सड़क बनाने में लगभग 13 करोड़ रुपये लागत आई थी. इस मामले में शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने बताया कि वर्ष 2019 में एसडीएम सदर से इस द्वार के खिलाफ शिकायत की थी. जांच में उनकी शिकायत को सही पाया गया. उसके बाद उस द्वार को तोड़ने के आदेश दिए गए थे.
उल्लेखनीय कि आजम खान ने एसडीएम के फैसले के खिलाफ दो अपील जनपद न्यायालय में दायर की थी. जनपद न्यायालय में करीब दो वर्ष तक सुनवाई चली. आजम खान की ओर से दायर दोनों अपीलों को जनपद न्यायालय ने खारिज कर दिया. अपील खारिज होने के बाद एसडीएम के आदेश का अनुपालन किया जाएगा.
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा कि "अब मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि उस द्वार को तोड़ा जाए. अब एसडीएम का आदेश मान्य है इसलिए प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई कर अतिक्रमण को हटाना चाहिए. अतिक्रमण के चलते गांव के लोगों को आने – जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. पीडब्ल्यूडी ने जो सड़क बनवाई थी उसे खाली करवाया जाना चाहिए और द्वार को तुरंत वहां से हटाया जाना चाहिए. मुझे अब पूरा विश्वास है कि जल्द ही ग्रामीणों को अतिक्रमण से मुक्ति मिले जायेगी
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