भारत अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता संभाल ली है। भारत की अध्यक्षता का आज पहला कामकाजी दिन है। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा संयम की आवाज, वार्ता का पैरोकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक बना रहेगा। हालांकि भारत की नई जिम्मेदारी से पाकिस्तान परेशान है। पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान से देखेगा कि भारत सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान देश के मूल हितों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा। साथ ही, उम्मीद जताई कि नई दिल्ली निष्पक्षता से काम करेगी।
पांच ‘स’ पर रहेगा जोर
भारत ने रविवार को यूएनएससी की अध्यक्षता संभाली। भारत इस दौरान समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद विरोधी तीन प्रमुख क्षेत्रों में हस्ताक्षर कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। वैश्विक निकाय के लिए अपने चुनाव के बाद भारत ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और समावेशी समाधानों को बढ़ावा देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे महत्वपूर्ण दिन बताया और दुनिया को लेकर भारत के दृष्टिकोण का वर्णन करने के लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यूएनएससी में भारत का कार्यकाल पांच ‘स’ यानी सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि से निर्देशित होगा। वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘अगस्त के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता संभालने के साथ हम अन्य सदस्यों के साथ सार्थक रूप से काम करने के लिए उत्सुक हैं। भारत हमेशा संयम की आवाज, संवाद का पक्षधर और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक रहेगा।’’
फ्रांस ने जताई खुशी
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने अध्यक्षता संभालने की पूर्व संध्या पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा, ‘‘हम अगस्त में अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे, उसी महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करना हमारे लिए सम्मान की बात है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, “जुलाई महीने के लिए यूएनएससी का संचालन करने के लिए फ्रांस के पीआर राजदूत निकोलस डी. रिवेरे को धन्यवाद। भारत ने अगस्त के लिए अध्यक्ष पद संभाला।” इस बीच, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने ट्वीट किया, ‘‘खुशी है कि भारत आज फ्रांस से यूएनएससी की अध्यक्षता ले रहा है। हम भारत के साथ समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद विरोधी रणनीतिक मुद्दों पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
यूएनएससी में सातवां कार्यकाल
भारत ने एक जनवरी को यूएनएससी के अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल शुरू किया। अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में भारत का यह सातवां कार्यकाल है। इससे पहले भारत 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85 और 1991-92 में यूएनएससी का सदस्य रह चुका है। अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का दो साल का कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ और वह पहली बार यूएनएससी का अध्यक्ष बना है। यह अगले साल दिसंबर में फिर से सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा।
थरूर बोले- हमारे लोग भारत को गौरवान्वित करेंगे
एक अगस्त से भारत के 15 देशों की दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था की अध्यक्षता संभालने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत के पास एक अच्छी टीम है। मुझे उम्मीद है कि हमारे लोग अच्छा काम करेंगे और भारत को गौरवान्वित करेंगे। सुरक्षा परिषद वह जगह है जहां अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के सभी मुद्दों को उठाया जाना चाहिए। भारत के कुछ इरादे हो सकते हैं, लेकिन कौन जानता है कि अगस्त के अंत में तक दुनिया में क्या होगा. उन्होंने। हालांकि कुछ भी हो हमारे पास ऐसे राजनयिक होने चाहिए जो इसका सामना करने, इसका जवाब देने और दुनिया को इस मामले में एक निश्चित नेतृत्व देने के लिए सक्षम, सतर्क और फुर्तीले हों। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि यह कैसे होता है।
पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ी
भारत के यूएनएससी की अध्यक्षता संभालने के बाद से पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि इस दौरान भारत समुद्री सुरक्षा, वैश्विक शांति और आतंकवाद के मुद्दे पर अपने सख्त तेवर दिखाएगा। इसलिए पाकिस्तान को यह डर है कि भारत आतंक पर वार करने के साथ उसे वैश्विक मंच पर घेर सकता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान से देखेगा कि भारत सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान देश के मूल हितों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है। भारत स्पष्ट रूप से अपनी अध्यक्षता का उपयोग आतंकवाद और संयुक्त राष्ट्र सुधार सहित विभिन्न मुद्दों पर अपने स्वयं के आख्यान को बढ़ावा देने के लिए करेगा। हम इसके आचरण को ध्यान से देखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि पाकिस्तान के मूल हितों के खिलाफ कोई भी कदम सफल नहीं होने दिया जाए।" वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान प्रासंगिक नियमों और कायदों का अनुपालन करेगा। भारत ने अध्यक्ष पद संभाल लिया है। इसलिए हम उसे याद दिलाना चाहेंगे कि वह जम्मू-कश्मीर पर यूएनएससी के प्रस्तावों को लागू करे।’’
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