उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए शातिर अपराधी अजमत अली और उसके पुत्र मोहम्मद इकबाल अली की अरबों की संपत्ति जब्त कर ली. गिरोह बनाकर अपराध करने वाले अजमत अली की 2 अरब 54 करोड़ 45 लाख 2 हजार 951 रुपये और मोहम्मद इकबाल की 77 लाख 35 हजार 530 रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. इकबाल पूर्व राज्य मंत्री रह चुका है.
मात्र बारह सौ रूपये की नौकरी करने वाले अजमत अली ने इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित किया. आय से अधिक संपत्ति की जांच कराने के बजाय इकबाल को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया. अजमत अली बेहद साधारण परिवार में जन्मा था. उसके पास नाम मात्र की पैतृक संपत्ति थी. अजमत के काले – कारनामे में उसका बेटा मोहम्मद इकबाल भी शामिल था.
जानकारी के अनुसार अजमत अली और उसके पुत्र इकबाल के विरुद्ध 11 मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2015 से वर्ष 2021 के बीच 8 मुकदमे दर्ज किये गए. वर्ष 2010 में हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके अतिरिक्त धोखाधड़ी, मारपीट, दलित उत्पीड़न, बलवा, लोक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने के मुकदमे दर्ज हैं. अजमत अली के पुत्र इकबाल के विरुद्ध जान से मारने की धमकी, मारपीट, बलवा और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुकदमे दर्ज हैं.
जब्त की गई संपत्ति में मेडिकल कॉलेज और मकान भी शामिल हैं. मोहम्मद इकबाल सपा की सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुका है. कार्रवाई के दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे दोनों की जिन संपत्तियों को जब्त किया हैं इसमें कैरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड हॉस्पिटल, हॉस्टल, पीजी इंस्टीट्यूट, अर्धनिर्माण भवन, अलीनगर में जमीन शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने कई वाहनों को भी जब्त किया है. वाहनों में एक बस, क्वालिस कार, इनोवा, फॉर्च्यूनर, ऑडी शामिल हैं.
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