अलकायदा के दो आतंकियों से पूछताछ में एटीएस को पता लगा है कि कानपुर नगर के 13 बैंक खातों से टेरर फंडिंग हो रही थी. इनमे से नौ ऐसे हैं, जिनमें पिछले छह महीने में 32 लाख रुपये का विदेश से लेन-देन भी हुआ. सभी खातों को सीज कर एटीएस हवाला कारोबारियों को तलाश रही है. इससे पहले आतंकी मिन्हाज और मुशीर को उनके मददगार शकील, मुस्तकीम और मुईद के सामने बिठाकर पूछताछ की गई थी.
गत 11 जुलाई को लखनऊ के काकोरी इलाके से मिन्हाज और मड़ियांव इलाके से मुशीर को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. दोनों आतंकवादी मानव बम बनकर 15 अगस्त से पहले लखनऊ समेत कई शहरों में आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. एटीएस ने दोनों के कब्जे से विस्फोटक पदार्थ बरामद किया था. दोनों आतंकवादी अलकायदा समर्थित अंसार गजवा तुल हिंद संगठन के हैं. यह आतंकी संगठन उमर नाम का एक आतंकवादी चला रहे थे.
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने गिरफ्तारी के समय बताया था कि सूचना मिलने पर पुलिस ने मिनहाज अहमद के लखनऊ स्थित घर पर दबिश दी. मिनहाज़ घर पर मिल गया. उसके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ. एक पिस्टल व आईईडी बरामद हुई. बरामद हुई आईईडी को निष्क्रिय कराया गया. पुलिस की एक अन्य टीम ने अभियुक्त मशीरुद्दीन के लखनऊ स्थित घर पर दबिश देकर भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया.
जानकारी के अनुसार, अलकायदा समर्थित अंसार गजवा तुल हिंद संगठन एक आतंकी संगठन है. यह पेशावर व क्वेटा से संचालित किया जा रहा था. आतंकी उमर लखनऊ में जेहादी प्रवृत्ति के लोगों को तैयार कर रहा था. मिनहाज अहमद और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर इस संगठन के सदस्य हैं. उस समय पूछताछ के दौरान आतंकियों ने पुलिस को बताया था कि इस आतंकी षड्यंत्र में शामिल कुछ अन्य लोग भी शामिल थे
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