हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी बायोलॉजिकल ई इस साल सितंबर के आखिर तक अपनी कोविड-19 वैक्सीन कॉर्बवैक्स बाजार में उतार सकती है। कंपनी ने तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है। सरकार ने इस वैक्सीन के तीसरे चरण के अध्ययन से पहले ही 300 मिलियन वैक्सीन की बुकिंग कर ली है।
सूत्रों के अनुसार, अपने ताजा लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारतीय प्रवीण पवार ने कहा कि भारत सरकार ने घरेलू वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल ई को वित्तीय सहायता भी दी है। कंपनी अगस्त के आखिर तक आपातकालीन उपयोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है। यह दिसंबर 2021 तक भारत सरकार को वैक्सीन की 300 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ और कोरोना प्रबंधन निकायों का अनुमान है कि देश में सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
इसी के मद्देनजर एक दिन पहले ही विशेषज्ञ समिति ने कोविड की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार को सुझाव दिया था कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जाए तथा कोविड नियमों का पालन करने के साथ मास्क पहनना, शारीरिक दूरी और संक्रमण वाले इलाकों में सख्ती करे। समिति ने यह भी कहा है कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचों को मजबूत कर इसे पर्याप्त रूप से तैयार करना जरूरी है, ताकि हर दिन 4 लाख मामले भी आएं तो उसे संभाला जा सके। इसके अलावा, नियमित स्वास्थ्य सेवाएं भी जारी रखी जाएं। इसके लिए एक लाख वेंटिलेटर बेड के साथ दो लाख अतिरिक्त आईसीयू बेड की जरूरत होगी।
बता दें कि कोरोना महामारी से निपटने और स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार ने 23,000 करोड़ रुपये के कोविड प्रबंधन पैकेज की घोषणा की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही राज्यों को तैयारियों से जुड़ी अपनी योजनाएं भेजने के निर्देश दे चुकी है। राज्यों को उनकी योजना के अनुसार ही धनराशि दी जानी है। इस बीच, देश में रविवार तक 43.51 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। आज सुबह 8 बजे तक की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 52,95,458 सत्रों के माध्यम से कुल 43,51,96,001 टीके की खुराक दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पिछले 24 घंटों में 18,99,874 टीके की खुराक दी गई।
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