पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) ने बधाई दी है। इस पर पंजाब के नेताओं ने आपत्ति जताई है। दूसरी ओर वे अपने बयानों के कारण किसानों के निशाने पर आ गए हैं।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने पर बधाई दी है। इसके साथ ही पीएसजीपीसी ने अपील की है कि सिद्धू करतारपुर कारिडोर को दोबारा खुलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इस पर शिरोमणि अकाली दल और पंजाब भाजपा ने आपत्ति व्यक्त की है। पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा है कि करतारपुर कारिडोर खुलवाने की बात सिद्धू के इशारे पर लिखी गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि कारिडोर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद बना था और केंद्र के निर्णय पर ही खुलेगा। इस मामले में सिद्धू की कोई भूमिका नहीं है।
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि बधाई तो कोई भी किसी को दे सकता है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह दो देशों के बीच का मसला है, किसी व्यक्ति विशेष का नहीं। सिद्धू की कारिडोर को लेकर न कोई भूमिका थी और न हो सकती है। शिरोमणि अकाली दल केंद्र सरकार से मांग करता है कि कारिडोर खोला जाए।
सिद्धू पर किसान नेता भी भड़क गए हैं। बता दें कि पिछले दिनों चंडीगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष का पद भार संभालते समय सिद्धू ने कहा था, ''मैं किसान मोर्चा के लोगों से कहना चाहता हूं कि प्यासा कुएं के पास जाता है, कुआं प्यासे के पास नहीं आता। आप लोग आएं, मुझसे मिलें मिलें।''
इस पर किसान संगठनों ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। कई किसान नेताओं ने सिद्धू को अहंकारी बताया। बठिंडा किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने कहा है, ''किसानों के प्रति सिद्धू की भाषा बेहद आपत्तिजनक नहीं है। जिन किसानों को वे प्यासा बता रहे हैं, उन्हीं किसानों का पैदा किया अनाज वे खाते हैं। अगर यही बात है, तो सिद्धू को चाहिए कि वे किसानों के अनाज को हाथ भी न लगाएं। सिद्धू किसानों के लिए कुछ भी नहीं कर सकते।''
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