सुनील राय
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के 'आम' के बारे में कहा है कि उन्हें यूपी के नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के आम ज्यादा पसंद हैं." उत्तर भारत में सभी को मालूम है कि लखनऊ के मलीहाबाद का आम दूर -दूर तक प्रसिद्ध है. ऐसे में राहुल गांधी को यूपी के आम क्यों पसंद नहीं हैं? उनकी चिढ़ यूपी के 'आम' से है या यूपी की आम जनता से. ? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका 'टेस्ट' ही विघटनकारी है.
एक मीडियाकर्मी ने राहुल गांधी से सवाल किया था कि क्या उन्हें यूपी के आम पसंद हैं? राहुल गांधी ने कहा था, "आई लाइक आंध्रा, आई डोंट लाइक यूपी मैंगो (मुझे आंध्र प्रदेश के आम का स्वाद पसंद है, मैं यूपी के आम पसंद नहीं करता)।" इस बयान पर उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आड़े हाथों लिया. मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को ट्वीट में टैग करते हुए लिखा कि "श्री राहुल गांधी जी आपका टेस्ट ही विघटनकारी है. आपके विभाजनकारी संस्कारों से पूरा देश परिचित है. आप पर विघटनकारी कुसंस्कारों का प्रभाव इस कदर हावी है कि फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया लेकिन ध्यान रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का स्वाद एक है."
इसके पहले भी राहुल गांधी ने उत्तर भारतीयों के बारे में बयान दिया था. अमेठी से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने केरल में कहा था कि उत्तर भारतीयों को राजनीतिक मुद्दों की समझ नहीं हैं. केरल के लोग मुद्दों की गहराई में जाकर उसे समझते हैं . राहुल गांधी के इस बयान के बाद काफी आलोचना हुई थी.
राहुल गांधी के कुछ हास्यास्पद बयान —
हमारी सरकार होती ना ! 15 मिनट में उठा के फेंक देते चाइना को — राहुल
राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे वे कह रहे हैं कि “ अगर हमारी सरकार होती ना ! तो 15 मिनट के अन्दर उठा के फेंक देते चाइना को, 100 किलोमीटर पीछे फेंक देते चाइना को.” सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि चीन ने किस के शासनकाल में भारत की सीमा में अतिक्रमण किया था.” अभी तक के इतिहास में पहली बार है जब नरेंद्र मोदी के समय में भारत की फ़ौज ने चीन को पीछे हटने के लिए विवश किया. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म करते समय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि “अक्साई चीन भारत का हिस्सा है.” कांग्रेस के शासनकाल में कभी भी अक्साई चीन को भारत का अभिन्न अंग नहीं बताया गया. सर्वविदित है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी कांग्रेस के शासनकाल में बना.
हाथरस में पूरी तैयारी से जमीन पर गिरे थे राहुल गांधी
हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे राहुल गांधी जमीन पर गिर पड़े थे. उस समय की वीडियो और तस्वीरों में यह साफ़ है कि राहुल गांधी जानबूझ कर जमीन पर गिरे थे. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं "सब कुछ साफ़ दिख रहा है कि वे कैसे जमीन पर गिरे हैं.” गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने राहुल गांधी के जमीन पर गिरने को बेहद खराब अभिनय बताया. उन्होंने ट्वीट किया कि “सदी का सबसे खराब अभिनय.” खुद जमीन पर गिरकर वे पुलिस अधिकारी के ऊपर दोषारोपण करना चाहते थे. गिरने के कुछ देर पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि “मैं पीड़ित परिवार से मिलना चाहता हूं. मुझे ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता. इसी बीच राहुल ने कहा था – हां भईया कैमरा जरा इधर की तरफ करना.” वह पूरी तैयारी में थे कि जब वह जमीन पर गिरें तो कैमरे में इसकी रिकार्डिंग हो जाय. मगर अन्य जो कैमरे लगे हुए थे. उन कैमरों ने उनकी पोल खोल दी. राहुल गांधी को समझ में आ गया कि वीडियो और तस्वीरों में उनकी पोल खुल चुकी है इसलिए उन्होंने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया.
कार में ठहाका लगाते हुए जा रहे थे हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने
राहुल और प्रियंका के हाथरस जाते समय का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे प्रियंका गांधी कार चला रही थीं और ड्राइविंग सीट के बगल में राहुल गांधी बैठे हुए थे . दोनों लोग हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे. अचानक से भाई – बहन ठहाका लगा कर हंस रहे थे. इस वीडियो के वायरल होने पर राहुल और प्रियंका के दलित प्रेम की पोल खुल गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि ‘ बेहद शर्मनाक, हाथरस की बेटी के लिए ग़म और शोक मनाने निकले भइया-बहना का असली चेहरा देख लीजिए. देखिए कि कैमरा देखते ही मातम मनाने वाले राहुल और प्रियंका कार में कैसे हंसी ठहाके लगाते हाथरस जा रहे थे. दरअसल ये ख़ुशी उत्तर प्रदेश में नफरत की आग फैलाने को लेकर है. हाथरस तो बहाना है, यूपी को जलाना है.’
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