कोरोना के नियमों में छूट देने के कारण बकरीद के दौरान केरल के बाजारों में ऐसी रही भीेड़
गत 22 जुलाई को पूरे देश में कोरोना के कुल 41,383 मरीज मिले। इनमें से 17,481 केवल केरल में हैं। यानी इस समय में कोरोना के 42 प्रतिशत मरीज सिर्फ केरल में हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बकरीद के लिए 18, 19 और 20 जुलाई को कोरोना के नियमों में भारी छूट देने के कारण राज्य में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं।
केरल की वामपंथी सरकार ने इस महामारी में भी मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति नहीं छोड़ी है। गत दिनों उसने बकरीद के लिए कोरोना के नियमों में भारी छूट दे दी। इस कारण बाजारों में भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने न तो सामाजिक दूरी का पालन किया और न ही मास्क लगाया। इसी का नतीजा है कि केरल में प्रतिदिन 18,000 से ज्यादा कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं। इस समय केरल ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां सबसे अधिक कोरोना के मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। दिन—प्रतिदिन यह संख्या बढ़ भी रही है। इसका असर केरल के नजदीकी राज्यों में भी दिखने लगा है। विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि केरल के कारण एक बार फिर से पूरे देश में कोरोना के मरीज बढ़ सकते हैं।
इसके लिए पूरी तरह केरल की सरकार जिम्मेदार है। उसने इस महामारी में भी राज्य के लगभग 27 प्रतिशत मुसलमानों को सार्वजनिक रूप से बकरीद मनाने की इजाजत दे दी। यहां तक कि जब पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय में यह मामला पहुंचा था, तब केरल सरकार ने बड़ी बेशर्मी के साथ अपनी तुष्टीकरण की राजनीति को छिपाने के लिए कहा था कि बाजार खोलने की मांग व्यापारी संगठनों ने की थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि बाद में यदि केरल में कोरोना के मरीज बढ़े तो किसी भी व्यक्ति की शिकायत पर वह सख्त कार्रवाई करेगा। इसलिए अब सर्वोच्च न्यायालय को इस दिशा में कुछ करना ही चाहिए।
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