केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा कि वह किसानों के साथ बातचीत और बिंदुवार चर्चा को तैयार है पर कृषि कानूनों को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा कि वह किसानों के साथ बातचीत को तैयार है। संसद परिसर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को वार्ता में खुलेमन से आना चाहिए। सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। अगर कृषि कानूनों में कुछ आपत्तिजनक प्रावधान हैं, तो सरकार उसके समाधान के लिए तैयार है। पर यह कानून किसानों के हित में हैं और उन्हें फायदा देने वाले हैं। इसलिए किसान आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता को आगे आएं।
बता दें कि लंबे समय से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कथित किसान कर रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, वह इन कानूनों में कमियां बताएं, सरकार उनको दूर करेगी, उन पर चर्चा करेगी पर कानून रद्द नहीं होंगे। लेकिन कथित किसान कानूनों पर न तो चर्चा कर रहे और न ही कानून में क्या खामियां हैं, वह बता रहे। बस इन्हें रद्द करने पर ही अड़े हैं। यही वजह है कि कथित किसान दिल्ली की सीमाओं को घेरे हुए हैं.
बिंदुवार चर्चा को तैयार
कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों से बिंदुवार चर्चा को तैयार है। अगर वह बिंदुवार समस्या लेकर आएंगे तो सरकार उनसे बात करेगी। पर यह हम अभी भी कह रहे हैं कि इन कानूनों से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
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